युवा स्वामी विवेकानंद के विचार को धारण कर ले तो भारत को विश्व गुरु बनने से कोई रोक नहीं सकता: प्रो. सुचिता त्रिपाठी
वाराणसी, 11 जनवरी (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ इकाई ने स्वामी विवेकानंद की जयंती (राष्ट्रीय युवा दिवस) की पूर्व संध्या पर गुरुवार को उन्हें नमन किया। विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय सभागार में आयोजित संगोष्ठी में परिषद की प्रान्त अध्यक्ष प्रो. सुचिता त्रिपाठी भी मौजूद रहीं।
संगोष्ठी में प्रो. सुचिता त्रिपाठी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार को युवाओं को अपने अंदर शामिल करने की आवश्यकता है, अगर युवा स्वामी जी के विचार को धारण कर लेता है तो भारत को विश्व गुरु बनने से कोई रोक नहीं सकता।
गोष्ठी में डॉ राकेश तिवारी ने कहा कि स्वामी जी जब पहली बार शिकागो सम्मलेन में गए तो उन्होंने संबोधन की शुरुआत मेरे अमेरिकी भाइयों और बहनों से किया, जिससे पूरा हॉल स्तब्ध रह गया। आज की पीढ़ी ही भविष्य का निर्माण कर सकती है, जरूरी है स्वामी जी के विचारों को अधिक से अधिक युवा अपने अंदर आत्मसात करे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए इकाई अध्यक्ष शिवम तिवारी ने कहा कि भारत का युवा स्वामी जी के विचारों से प्रभावित होकर राष्ट्रवादी विचारों से जुड़ा होना चाहिए। जब युवा आधुनिकता के साथ अपने ग्रंथों से दूर हुए तब भारतीय संस्कृति का क्षय हुआ है। युवाओं को अपने ग्रंथों को पढ़ना चाहिए ताकि कोई अन्य उन्हें गलत तर्कों से बरगला कर देश विरोधी नारा नहीं लगवा सके।
गोष्ठी में इकाई मंत्री महिमा अग्रहरी, महानगर अध्यक्ष ऊर्जाषिता सिंह, महानगर उपाध्यक्ष डॉ पारिजात सौरभ आदि भी मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश
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