अभाविप ने संदेशखाली प्रकरण में ममता सरकार का पुतला फूंका
--राष्ट्रपति को घटना पर संज्ञान लेने को ज्ञापन प्रेषित किया
प्रयागराज, 05 मार्च (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) इलाहाबाद विश्वविद्यालय इकाई के कार्यकर्ताओं ने आज छात्रसंघ भवन पर संदेशखाली प्रकरण के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन कर ममता सरकार का पुतला फूंका एवं राष्ट्रपति को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया। अभाविप ने तृणमूल कांग्रेस नेताओं द्वारा हिन्दू घरों से जबरन नाबालिग कन्या व महिलाओं को चिन्हित कर उनका अपहरण कर अत्याचार, दुराचार करने के कृत्यों की कड़े शब्दों में भर्त्सना की है तथा इस संबंध में कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
ज्ञापन में कहा है कि विगत 10 फरवरी को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस के संदेशखाली दौरे के कारण इस वीभत्स शोषण की सच्चाई वृहद् जनमानस के समक्ष आई है। टीएमसी के नेताओं द्वारा हिन्दू कन्याओं का अपहरण कर अत्याचार एवं दुराचार करने के अनेक प्रकरण सामने आए हैं, जो किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है। इस प्रकरण में राज्य सरकार के संलिप्तता की केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच करवाने, महिलाओं पर हिंसा एवं उनकी सामूहिक अस्मिता के हनन करने एवं सम्बंधित प्रकरण की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करने, पीड़ित महिला को निःशुल्क सहायता उपलब्ध कराने एवं भय मुक्त संदेशखाली बनाने में केंद्रीय बलों के प्रतिनियुक्ति की मांग की है।
अभाविप के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं इविवि के इकाई अध्यक्ष शिवम सिंह ने कहा कि अभाविप द्वारा संदेशखाली प्रकरण के विरुद्ध पुडुचेरी में आयोजित केंद्रीय कार्यसमिति बैठक में प्रस्ताव भी पारित किया गया है। आज इसी संबंध में अभाविप देश के सभी परिसरों में आंदोलनरत है।
अभाविप काशी प्रांत की प्रांत छात्रा कार्य सह-संयोजक जाह्नवी ने कहा कि ममता बनर्जी के पोषित गुंडे माफियाओं द्वारा महिलाओं के उत्पीड़न की घटना निंदनीय है। इसमें संलिप्त सभी दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए, साथ ही ममता बनर्जी सरकार को हटाया जाना चाहिए।
अभाविप इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इकाई मंत्री आलोक त्रिपाठी ने कहा कि संदेशखाली प्रकरण में बंगाल सरकार के अनेक नेताओं की संलिप्तता दुर्भाग्यपूर्ण है तथा ममता बनर्जी सरकार की महिला विरोधी छवि को उजागर करती है। हिन्दू महिलाओं को चिन्हित कर उनके साथ दुराचार के कई प्रकरण सामने आए हैं और सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करते हुए इस प्रकरण को समाज से दूर रखने के काफी प्रयत्न किए गए हैं। अभाविप, अपने सामाजिक दायित्व को निभाते हुए प्रकरण को समाज तक पहुंचाने व बहनों को न्याय दिलाने हेतु देशव्यापी आंदोलन कर रही है तथा दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की मांग करती है। इस दौरान अभाविप काशी प्रांत सह मंत्री कार्तिकेय पति त्रिपाठी, इकाई अध्यक्ष शिवम सिंह, आयुष्मान सिंह, राजेश्वरी मौर्य, शिवम शर्मा, विनय यादव, अतुल यादव, विवेक, रित्विक सिंह, हिमांशु त्रिपाठी आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/सियाराम
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