प्रकृति संरक्षक व दिव्य ज्ञान के प्रतीक भगवान गणेश की उतारी आरती

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प्रकृति संरक्षक व दिव्य ज्ञान के प्रतीक भगवान गणेश की उतारी आरती


वाराणसी,07 सितम्बर (हि.स.)। गणेश चतुर्थी के अवसर पर शनिवार को नमामि गंगे ने लोहटिया स्थित बड़ा गणेश मंदिर में आरती उतारी। सनातन धर्म के पंच देवताओं में प्रमुख व प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना के बाद देश-प्रदेश में कल्याण सुख-समृद्धि की कामना की।

काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने इस दौरान प्रकृति के संरक्षक व दिव्य ज्ञान के प्रतीक भगवान गणेश से पर्यावरण संरक्षण की भी कामना की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पुराणों में वर्णित भगवान श्री गणेश का स्वरूप एक ऐसा विराट रूपक है जो प्रकृति और पर्यावरण के प्रति हमारी संवेदनाएं जगाता है और उनके प्रति हमें अपनी जिम्मेदारियों का बोध कराता है।

प्रथमेश के दरबार में बही भजन गंगा

जगतगंज में कान्य कुंब्ज वैश्य हलवाई समिति का चार दिवसीय श्री गणेश पूजन उत्सव शनिवार से शुरू हुआ। समिति ने अपने 62वें वार्षिक श्री गणेश पूजा महोत्सव में षोडशोपचार पूजन के बाद विनायक प्रभु की धातु की प्रतिमा प्रतिष्ठापित की। दरबार में आगामी चार दिनों तक विधि विधान से प्रतिदिन गणेश पूजन होगा। चौथे व आखिरी दिन कलश के रूप में विसर्जन किया जाएगा। फिर अगले साल तक के लिए यह प्रतिमा निश्चित स्थान पर रख दी जाएगी। जहां साल भर तक प्रतिदिन पूजन आरती और भोग अर्पित किया जाता रहेगा।

कार्यक्रम संयोजक मनोज गुप्ता ने बताया कि बीते वर्षो में गंगा नदी में प्रतिमा विसर्जन पर बवाल को देखते हुए हम सब ने धातु की प्रतिमा स्थापित करनी शुरू कर दी और साल भर इस प्रतिमा का पूजन करते हुए इन अवसरों पर विशेष पूजन और आयोजन करते हैं। वहीं शाम को समाज लोग मिलकर भजन संध्या करते है। शाम को समाज के कलाकारों ने भजन संध्या में भागीदारी की।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

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