संगमनगरी में पहली बार हुआ विदुषी मातृशक्तियों का अनूठा संगम

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संगमनगरी में पहली बार हुआ विदुषी मातृशक्तियों का अनूठा संगम


--साठ महिला रचनाकारों को मिला माँ राजपती देवी स्मृति साहित्य सम्मान

प्रयागराज, 24 जुलाई (हि.स.)। भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के रजत जयंती वर्ष समारोहों की श्रृंखला में संगठन की सहयोगी संस्था श्री हनुमान पुस्तकालय द्वारा एक नया इतिहास रचते हुए साठ महिला रचनाकारों को इस वर्ष का मॉं राजपती देवी स्मृति साहित्य सम्मान प्रदान किया गया।

बुधवार को ज्वाला देवी सरस्वती बालिका विद्या मंदिर सुभाष नगर, ममफोर्डगंज में सुप्रसिद्ध साहित्यकार जया मोहन की अध्यक्षता में आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि प्रमोद बंसल मण्डलाध्यक्ष एसोसिएशन आफ एलायन्स क्लब इण्टर नेशनल डिस्ट्रिक्ट 157 सहित अन्य अतिथियों ने सभी को सम्मानित किया।

इस अवसर पर श्री हनुमान पुस्तकालय द्वारा चयनित देश की चर्चित साठ महिला रचनाकारों को मां राजपती देवी स्मृति साहित्य सम्मान प्रदान किया गया। जिसमें जया मोहन प्रयागराज, गीता चौबे गूंज बंगलुरु, अनामिका कली जयपुर, मंजू शर्मा जांगिड़ मनी जोधपुर, डॉ मंजरी पाण्डेय, सुषमा सिन्हा वाराणसी, रेनू मिश्रा, दीपशिखा, सम्पदा मिश्रा, डॉ उपासना पाण्डेय प्रयागराज, श्रीमती तुलसी देवी तिवारी बिलासपुर, डॉ नीलाक्षी, अन्नपूर्णा बाजपेयी कानपुर, डॉ मीरा सिंह बक्सर बिहार, अलका प्रमोद, माधुरी महाकाश लखनऊ, नन्दा पाण्डेय रांची, विमला नागला केकड़ी राज सहित कुल साठ महिला रचनाकार सम्मानित की गईं।

समरोह में भारी संख्या में उपस्थित साहित्यकारों पत्रकारों के बीच साहित्यांजलि प्रकाशन द्वारा प्रकाशित जया मोहन के कहानी संग्रह भूली बिसरी कहानियां, डॉ योगेन्द्र कुमार मिश्र विश्वबंधु के कहानी संग्रह शब्द संसार, जनकवि प्रकाश के प्रबंध काव्य गुरु परशुराम, मानिक सावी सहज के काव्य संग्रह सावी संसार, डॉ सतीश बब्बा के व्यंग्य संग्रह भखा राम नहीं रहे, सर्वेश कान्त वर्मा सरल के काव्य संग्रह अनामिका स्वर, डॉ निशा नंदिनी भारतीय के निबंध संग्रह वेदत्व सहित डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय के बाल काव्य संग्रह तोते का स्कूल, कहानी संग्रह सोलह नई कहानियां, आनंद नारायण पाठक के लघुकथा संग्रह उत्कर्ष पथ का लोकार्पण भी किया गया।

नगीन प्रकाशन मेरठ द्वारा प्रकाशित उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद से प्रतिपादित पाठ्यक्रम पुस्तक सामान्य हिन्दी कक्षा बारह की पुस्तक लेखक सर्वेश कान्त वर्मा सरल की ओर से पुस्तक में शामिल रचनाकार डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय को पुस्तक की प्रति भेंट की गई। समारोह में सभी साहित्यकारों, पत्रकारों, कवियों, लेखकों एवं शुभचिन्तकों को सम्मान पत्र, अंगवस्त्र, प्रतीक चिह्न, मोती की माला व बैज से अभिनंदित कर स्वागत किया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय ने किया।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त

हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र / बृजनंदन यादव

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