वैश्विक स्तर पर नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण: सुदत्त मंडल

वैश्विक स्तर पर नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण: सुदत्त मंडल
वैश्विक स्तर पर नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण: सुदत्त मंडल


कानपुर,24 नवम्बर (हि.स.)। डब्ल्यूबीएएफ 2023 की यात्रा वैश्विक स्तर पर नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। यह बात शुक्रवार को भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के उप प्रबंध निदेशक सुदत्त मंडल ने कहा।

उन्होंने कहा कि सिडबी को इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने पर गर्व है और हमें विश्वास है कि हमारी भागीदारी सहयोग और निवेश के लिए नए रास्ते खोलेगी, अंततः भारत के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी।

सिडबी के मुख्य महाप्रबंधक एस.पी. सिंह ने कहा, डब्ल्यूबीएएफ 2023 भारत के जीवंत स्टार्टअप परिदृश्य को प्रदर्शित करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करता है। हस्ताक्षरित एमओयू के माध्यम से डब्ल्यूबीएएफ के साथ सिडबी की उपस्थिति और सहयोग स्टार्टअप के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनाने और सभी के लिए वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के प्रति हमारे समर्पण को रेखांकित करेगा।

एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर के सीईओ डॉ. निखिल अग्रवाल ने अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर में स्थापित स्टार्टअप उद्योगों को फिर से परिभाषित करने और भारत की तकनीकी शक्ति में योगदान देने के मिशन पर हैं। डब्ल्यूबीएएफ 2023 में हमारी उपस्थिति नॉकार्क टेक्नोलॉजीज, क्रित्स्नम टेक्नोलॉजीज, एग्रोएनएक्सटी सर्विसेज, रेनर्जिजर इंडस्ट्रीज और वोल्टवर्क्स टेक्नोलॉजीज द्वारा विकसित अभिनव समाधानों को वैश्विक दर्शकों के सामने प्रदर्शित करने का एक सुनहरा अवसर है”।

मीडिया प्रभारी ने बताया कि स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआईआईसी), आईआईटी कानपुर ने वर्ल्ड बिजनेस एंजेल्स इन्वेस्टमेंट फोरम (डब्ल्यूबीएएफ) डरबन, दक्षिण अफ़्रीका में वर्ल्ड कांग्रेस 2023 में अपनी नवाचार क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के साथ सहयोग किया। इस आयोजन में एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर में स्थापित पांच भारतीय स्टार्ट-अप की परिवर्तनकारी क्षमता देखी गई, जो वैश्विक मंच पर भारत की तकनीकी प्रगति को उजागर करती है।

भारत ने अपनी तकनीकी प्रगति का प्रदर्शन किया और वित्तीय समावेशन नीतियों के साथ स्टार्टअप के लिए एक सहायक वातावरण को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सिडबी के उप प्रबंध निदेशक सुदत्त मंडल ने किया, प्रतिनिधिमंडल में भारत के उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र के प्रमुख लोग; एस.पी. सिंह, मुख्य महाप्रबंधक, सिडबी; डॉ. निखिल अग्रवाल, एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर के सीईओ; और अंकित सक्सेना, एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर में निवेश के सहायक उपाध्यक्ष शामिल थे।

कार्यक्रम में, SIDBI ने WBAF के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करके भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया। इस रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य स्टार्टअप विकास का समर्थन करना और वित्तीय समावेशिता को बढ़ावा देना है, जो भारत के वित्तीय परिदृश्य को बदलने में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सहयोग अंतरराष्ट्रीय संबंधों को और मजबूत करेगा और दोनों देशों में महत्वपूर्ण विकास क्षमता वाले संभावित स्टार्टअप को बढ़ावा देगा।

हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/बृजनंदन

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