गुदा रोगों व वैरिकोज नसों के उपचार में लेजर थेरेपी अहम, जीवंत शल्य कार्यशाला
- बीएचयू के आयुर्वेद संकाय विंग में दो दिवसीय जीवंत शल्य कार्यशाला का आगाज
वाराणसी, 29 नवम्बर (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, चिकित्सा विज्ञान संस्थान के आयुर्वेद संकाय विंग स्थित नेशनल रिसोर्स सेन्टर फॉर इनो रेक्टल डिजीज में शुक्रवार को सौम्य गुदा रोगों और वैरिकोज नसों के लिए लेजर थेरेपी पर जीवंत कार्यशाला हुई। आयुर्वेद संकाय में पहली बार आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में देश के विभिन्न राज्यों के विशेषज्ञों ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। कार्यशाला में लाइव प्रदर्शन सर्जरी गुदा रोगों पर केन्द्रित रहा।
कार्यशाला के उदघाटन सत्र में चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एस.एन. शंखवार, आयुर्वेद संकाय के डीन प्रो. पी.के. गोस्वामी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. कैलाश कुमार ने भी भागीदारी की। स्वागत उदबोधन आयोजन सचिव डॉ. ए.के. द्विवेदी ने दिया। इस अवसर पर प्रो. मनोरंजन साहू, डॉ. योगेश मिश्रा, डॉ. अवधेश कुमार पाण्डेय, प्रो. लक्ष्मण सिंह, प्रो. मुमताज अंसारी, डॉ. ए.के. द्विवेदी, प्रो. जे.एस. त्रिपाठी, प्रो. राहुल शेरखाने ने भी अपनी बात रखी। कार्यशाला में 30 नवम्बर को सौम्य गुदा रोगों एवं वैरिकोज नसो पर सर्जरी विभाग के प्रो. एस.के. तिवारी जीवंत शल्य क्रिया का प्रदर्शन करेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी
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