साहित्य और कला के बिना निरर्थक है व्यक्ति का जीवन

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साहित्य और कला के बिना निरर्थक है व्यक्ति का जीवन


- चित्रकला प्रशिक्षण का शुभारंभ

मीरजापुर, 20 मई (हि.स.)। राज्य ललित कला अकादमी एवं संस्कार भारती के संयुत तत्वावधान में सोमवार को नगर के मुसफ्फरगंज स्थित एक स्कूल में चित्रकला प्रशिक्षण का शुभारंभ सोमवार को हुआ। मुख्य अतिथि संस्कार भारती के काशी प्रांत अध्यक्ष डा. गणेश प्रसाद अवस्थी ने मां सरस्वती का पूजन कर प्रशिक्षण का औपचारिक उद्घाटन किया।

उन्होंने कहा कि साहित्य एवं कला के बिना जीवन निरर्थक है। वह व्यक्ति, व्यक्ति नहीं जिसके अंदर कला की अनुभूति न हो। संस्कार भारती भारतवर्ष में भारतीय संस्कृति की रक्षा करने के लिए तथा मनुष्य के अंदर संवेदना पैदा करने के लिए कार्य कर रही है। इसी संकल्पना के साथ ग्रीष्मकालीन चित्रकला प्रशिक्षण शिविर राज्य ललित कला अकादमी के सहयोग से लगाया जा रहा है, जहां बच्चों की प्रतिभा का विकास होगा।

स्कूल के डायरेक्टर राजेश सिंह ने संस्कार भारती की ओर से बच्चों की पतिभा एवं हुनर को निखारने के लिए प्रशिक्षण को सराहनीय पहल बताया। महामंत्री शिवराम शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। जिलाध्यक्ष कृष्ण मोहन गोस्वामी ने संस्था के कार्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन रमेश बाबू गुप्ता ने किया। कार्यक्रम संयोजक संदीप श्रीवास्तव ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

सुबह साढ़े आठ से चलेंगी कक्षाएं

ललित कला अकादमी की ओर से दिया गया गत वर्ष का प्रमाण पत्र भी वितरित किया गया। उद्घाटन के पश्चात चित्रकला के संरक्षक एवं मुख्य प्रशिक्षक शंभूनाथ चित्रकार का बच्चों से परिचय हुआ। कक्षाएं प्रतिदिन सुबह साढ़े आठ से साढ़े दस बजे तक चलेंगी।

हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/सियाराम

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