51 सुसज्जित बजड़ों पर निकली भगवान श्री चित्रगुप्त की भव्य शोभयात्रा
-21 फुट ऊंची विशाल प्रतिमा की महाआरती, नाट्यमंचन विशेष आकर्षण का केंद्र
वाराणसी, 15 नवम्बर (हि.स.)। भगवान चित्रगुप्त की जयंती पर बुधवार को अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की ओर से 51 सुसज्जित बजड़ों पर गंगा में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। अस्सी घाट से डॉ राजेन्द्र प्रसाद घाट तक निकली शोभायात्रा के साथ अस्सी घाट पर महापूजनोत्सव भी आयोजित हुआ। जिसमें भगवान चित्रगुप्त महाराज की 21 फीट की ऊंची भव्य प्रतिमा पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महासभा के राष्ट्रीय संरक्षक महेश चन्द श्रीवास्तव ने पुष्प अर्पित कर पूजन अर्चन किया। शोभायात्रा के राजेन्द्र प्रसाद घाट पर पहुचंने पर महासभा के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति, भारत रत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद के मूर्ति पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम में शामिल काशी सुमेरू पीठ के पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती ने महासभा के शोभायात्रा की सराहना की।
इस अवसर पर भाजपा के नेता और पूर्व काशी क्षेत्र अध्यक्ष महेश चन्द श्रीवास्तव ने कहा कि भगवान चित्रगुप्त न्यायब्रह्म हैं, पुण्य और पाप के निष्पक्ष विचारक ही नहीं, फल निश्चित करने वाले शक्तिमान परमेश्वर हैं, वे सनातन धर्म के स्वरूप हैं। हमारे कर्मों का लेखा जोखा केवल एक पौराणिक इकाई नहीं है, बल्कि एक गहन आदर्श है जो मानवीय अनुभव के साथ प्रतिध्वनित होता है। आत्म-चिंतन की भावना से, हम सबको भगवान चित्रगुप्त जी की भक्ति और शिक्षाओं को अपना कर सत्य, निष्ठा, करुणापूर्ण जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए । इस अवसर पर पहली बार बुद्धि, विवेक और ज्ञान के प्रदाता व लेखनी के आराध्य देव पर आधारित एक भव्य नाट्य का मंचन भी भी हुआ।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश
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