रावल में दिखाई दी द्वापर युग झलक, प्राकट्य हुई वृषभान की लाली

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रावल में दिखाई दी द्वापर युग झलक, प्राकट्य हुई वृषभान की लाली


-श्रीराधारानी का 101 किलो दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल और यमुना जल से हुआ अभिषेक

मथुरा, 11 सितम्बर(हि.स.)। यमुनापार स्थित रावल गांव में बुधवार भोर में श्रीराधारानी के प्राकट्योत्सव से आज पूरा ब्रज खुशी मना रहा है। श्रीकृष्ण की आल्हादिनी शक्ति की प्राकट्यस्थली में आज द्वापर युग जैसा एहसास हुआ। चंहुओर खुशियों का दिखाई दे दी थी, मंदिर में भक्तों द्वारा संकीर्तन व बधाई गायन शाम तक चलता रहा।

तीर्थनगरी मथुरा के रावल में श्रीराधारानी के प्राकट्योत्सव की खुशी है। श्रद्धालु रात से ही टकटकी लगाए इस पल का इंतजार कर रहे थे। मंदिर के चारों तरफ भव्य नजारा दिखाई दिया। पूरा परिसर बिजली की रोशनी से जगमगा रहा था। राधा रानी के भक्त अपनी आराध्या की मनमोहक छवि के दर्शन के लिए उत्सुक रहे। उत्सव बुधवार सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर हुई। इस समय मंदिर परिसर घंटों की झंकार व शंख ध्वनि से गूंज उठा। चारों ओर राधा रानी के जयकारे लगने लगे। सेवायत महंत व भक्तजनों ने राधा रानी की मंगला आरती की। इसके बाद अपनी आराध्या के दर्शन किए।

सेवायत महंत राहुल कल्ला ने सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर 101 किलो दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल और यमुना जल द्वारा राधा रानी के श्री विग्रह का अभिषेक किया। मंदिर के सेवायत महंत राहुल कल्ला ने बताया कि पंचमुखी शंख से श्रीराधारानी का अभिषेक किया गया। हल्के पीले वस्त्र (जो पंजाब में लुधियाना के कारीगरों द्वारा तैयार कराए गए थे) धारण कराए गए। मंदिर में भक्तों द्वारा संकीर्तन व बधाई गायन हुआ। चंहुओर श्रीराधारानी का अवतरण की खुशियां हैं। अपनी आराध्या के एक झलक पाने को श्रद्धालु आतुर दिखे। इस पल का साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचे हैं। श्रद्धालु रात से ही भजन-कीर्तन कर रहे हैं। मंदिर, महल रंग बिरंगी रोशनी से जगमगा रहे थे। मानों एक बार फिर द्वापर काल आ गया हो। पूरे नगर में श्रीराधारानी के अवतरण दिवस राधाष्टमी की खुशियां मनाई जा रही हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / महेश कुमार

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