सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में लगेगा बड़ा मानचित्र, परिसर की जानकारी मिलेगी

सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में लगेगा बड़ा मानचित्र, परिसर की जानकारी मिलेगी
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सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में लगेगा बड़ा मानचित्र, परिसर की जानकारी मिलेगी


वाराणसी, 03 मार्च (हि.स.)। सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में केन्द्रीय कार्यालय के समीप वृहद और स्पष्ट मानचित्र लगाने की तैयारी है। लगभग 65 एकड़ में फैले परिसर में कौन सा विभाग, संकाय, कार्यालयीय कक्ष, भवन कहां है मानचित्र से स्पष्ट जानकारी मिलेगी। विश्वविद्यालय में आने वाले छात्रों और आगंतुकों को भी इससे जानकारी मिलेगी। उन्हें संबंधित भवनों में जाने में आसानी रहेगी।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा के अनुसार प्राच्य विद्या की यह संस्था सन् 1791 ई. में संस्कृत पाठशाला/संस्कृत कालेज के रूप में स्थापित हुई। 22 मार्च 1958 को वाराणसेय संस्कृत विश्वविद्यालय तथा 16 दिसंबर 1973 को सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के नाम से आज सम्पूर्ण विश्व में जानी जाती है। जिसकी संबद्धता उत्तर प्रदेश सहित देश के अनेकों प्रदेशों में दी गई है। उन्होंने बताया कि इस परिसर का क्षेत्रफल 67 एकड़ है, जो ऊंचे चाहरदीवारी के साथ 05 बड़े प्रवेश द्वारा से जुड़ा है। इसमें अध्ययन-अध्यापन की दृष्टि में लाल भवन, पाणिनी भवन, बहु संकाय भवन, श्रमण विद्या संकाय भवन, सरस्वती भवन पुस्तकालय, विस्तार भवन, केंद्रीय कार्यालय, परीक्षा भवन सहित अनेकों भवन, विशाल क्रीड़ा मैदान सहित मुख्य भवन स्थापित है। जिसका एक वृहद मानचित्र तैयार किया गया है। शीघ्र ही उसे स्थापित कर दिया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश

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