सीसीटीवी कैमरों से ग्रामीण क्षेत्र के थानों की निगरानी करेंगे अधिकारी

सीसीटीवी कैमरों से ग्रामीण क्षेत्र के थानों की निगरानी करेंगे अधिकारी


-फुटेज के साथ रिकाॅर्ड होगी आवाज, फरियादियों में बढ़ेगा विश्वास

कानपुर, 23 नवम्बर (हि.स.)। ग्रामीण क्षेत्र यानी कानपुर आउटर के सभी थानों को कमिश्नरेट में शामिल कर लिया गया है। इससे इन 11 थानों व उनसे संबंधित पुलिस चौकियों में अधिकारियों का दबाव बढ़ना लाजिमी हैं, लेकिन मुख्यालय से दूर होने के चलते पुलिस की मनमानी रोकने की भी चुनौती बनी हुई है। इसे देखते हुए कमिश्नरेट पुलिस ने ग्रामीण क्षेत्र के सभी थानों व उनसे सबंधित पुलिस चौकियों में आधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है। इन कैमरों में फुटेज तो आएगी ही, साथ ही आवाज भी रिकाॅर्ड होगी। इससे फरियादियों के साथ पुलिस का व्यवहार भी मुख्यालय में बैठे अधिकारी देख सकेंगे।

कानपुर नगर जनपद के ग्रामीण क्षेत्र के 11 थाना व उनसे सबंधित पुलिस चौकियां जिला मुख्यालय से काफी दूर हैं। यही नहीं, कानून व्यवस्था और फरियादियों की शिकायतों से संबंधित निस्तारण को लेकर काफी बदनाम हैं। इसी को लेकर हाल ही में शासन के आदेश पर पूरे कानपुर जनपद में कमिश्नरेट व्यवस्था लागू कर दी गई। इससे अब कमिश्नरेट में ग्रामीण क्षेत्र के 11 थाना भी सम्मिलित हो गए। यहां पर फरियादियों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो और कानून व्यवस्था सुदृढ़ रहे। इसके साथ ही पुलिस का व्यवहार भी मित्रवत रहे। इन सभी बिन्दुओं को देखते हुए पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड ने ग्रामीण क्षेत्र के सभी थानों के साथ ही उनसे संबंधित पुलिस चौकियों को हाईटेक करने का निर्णय ले लिया।

संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बुधवार को बताया कि आउटर यानी ग्रामीण क्षेत्र के 11 थानों व उनसे संबंधित पुलिस चौकियों में आधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। सभी कैमरे साउंड रिकार्डिंग से लैस होंगे। यानी वीडियो के अलावा वहां होने वाली बातचीत भी रिकऍर्ड होगी। कैमरों का कंट्रोल पुलिस अधिकारियों के मोबाइल पर भी होगा और अफसर कहीं से भी थाने व चौकियों के घटनाक्रम को देख सकेंगे। इन कैमरों के लगने के बाद अफसर भी थाना पुलिस की भाषा सुन सकेंगे। इसमें सुना जा सकेगा कि थानों में फरियादियों से पुलिस कैसे बातचीत करती है, अगर उन्होंने मारपीट या उत्पीड़न किया तो आवाज के साथ वीडियो कैमरे में कैद हो जाएगा। इससे थानों में फरियादियों से होने वाले पुलिस के गलत व्यवहार की शिकायतों में कमी आएगी। हालांकि यह व्यवस्था कमिश्नरेट के थानों व प्रमुख चौकियों में पहले से भी लागू है।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय सिंह

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