हिन्दी में हमारी सोच, सभ्यता, संस्कृति और विकास समाहित : प्रो. सत्य प्रकाश

हिन्दी में हमारी सोच, सभ्यता, संस्कृति और विकास समाहित : प्रो. सत्य प्रकाश


--हिन्दी विश्व भाषा बनने की ओर अग्रसर : पंकज जायसवाल

प्रयागराज, 22 सितम्बर (हि.स.)। आर्य कन्या डिग्री कॉलेज के हिन्दी विभाग में हिन्दी पखवाड़े के अन्तर्गत ‘हिन्दी विश्व विजय पथ पर’ विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि बी.एन.के.बी पीजी कॉलेज, अकबरपुर के हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने हिन्दी के व्यापक होते स्वरूप पर कहा कि हिन्दी में हमारी सोच, सभ्यता, संस्कृति और विकास की प्रक्रिया समाहित है।

प्रो. सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने आगे कहा कि आंकड़े भले ही हिन्दी को तीसरे स्थान पर दिखाते हों पर लोकप्रियता में वृद्धि अवश्य हुई है। हिन्दी की बोलियों को अलग करने के प्रयास हो रहें हैं, जिससे हिन्दी के साथ अन्याय होगा।

अध्यक्षता करते हुए पंकज जायसवाल, अध्यक्ष, शासी निकाय ने कहा कि जिस समय देश आजाद हुआ था उस समय पराधीनता की भाषा अंग्रेजी थी। आज निश्चित तौर पर संविधान से लेकर जनता तक ऐसे प्रयास हो रहें हैं कि हिन्दी विश्व भाषा बनने की ओर अग्रसर है। वह राष्ट्र भाषा के पद पर आसीन हो गयी है।

प्राचार्या प्रो. अर्चना पाठक ने कहा कि आर्य समाज और महर्षि दयानन्द का हिन्दी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। अभी हिन्दी को पूरी तरह से स्थापित करने की आवश्यकता है। निदेशक, आर्य कन्या समूह डॉ रमा सिंह ने कहा कि हिन्दी हमारी अपनी भाषा है। इसे जन-जन तक पहुंचाने के लिए हमें ही प्रयास करना है। दबाव में नहीं स्वीकृति के साथ विकास करना है। सरकारी प्रयास के साथ व्यक्तिगत समर्थन होगा तो हिन्दी विश्व विजयी होगी।

कार्यक्रम का संचालन डॉ मुदिता तिवारी एवं संयोजन डॉ. शशिकुमारी ने तथा आभार ज्ञापन अध्यक्ष, हिन्दी विभाग डॉ. कल्पना वर्मा ने किया। इस अवसर पर डॉ. ममता गुप्ता, डॉ. सुधा,डॉ. अन्जू, डॉ. नीलांजना, डॉ. रंजना त्रिपाठी, डॉ. ज्योति, डॉ. नाजनीन, डॉ अमित, डॉ दीपशिखा सहित बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त

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