कॉफीटेबल बुक झांसी सहित बुंदेलखंड की ऐतिहासिक सांस्कृतिक विधाओं की आत्मा

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कॉफीटेबल बुक झांसी सहित बुंदेलखंड की ऐतिहासिक सांस्कृतिक विधाओं की आत्मा


कॉफीटेबल बुक झांसी सहित बुंदेलखंड की ऐतिहासिक सांस्कृतिक विधाओं की आत्मा


कॉफीटेबल बुक झांसी सहित बुंदेलखंड की ऐतिहासिक सांस्कृतिक विधाओं की आत्मा


- झांसी समेत संपूर्ण बुंदेलखंड में पर्यटन उद्योग के रूप में होगा विकसित, मिलेगा युवाओं को रोजगार

झांसी, 25 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री द्वारा कॉफीटेबल बुक का विमोचन गागर में सागर उक्ति को चरितार्थ करता है। बुन्देलखण्ड में पर्यटन उद्योग का विकास अगर बुन्देलखण्ड के भूभाग में सही ढंग से स्थापित हो तो बुन्देलखण्ड पर्यटन की दृष्टि से सबसे आगे होगा।

बुन्देलखण्ड एक ऐसा विशेष प्रदेश जिसमें आदि काल से खनिज एवं वन संपदा जैसे अनेक प्रकार के फलदार वृक्ष एवं औषधीय वृक्षों से लेकर विभिन्न प्रकार के पत्थरों एवं रत्नों का भंडार रहा है। बुन्देलखण्ड की अवधारणा उत्तर वैदिक युग के दौरान फली फूली। इसकी शिल्प कौशल की परंपरा का इतिहास 1000 साल से भी अधिक पुराना है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में परिदृश्य काफी बदल गया है। अभी तक बुंदेलखंड को लेकर लोगों की यही मानसिकता रही कि बुंदेलखंड में लुटेरे, डकैत, खनन माफिया यही सब रहते हैं लेकिन इसका दूसरा पहलू लोग उजागर नहीं करते कि यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और प्राकृतिक खनिज संपदा, पौराणिक एवं ऐतिहासिक धरोहर जिनके माध्यम से हम देश-विदेश से पर्यटकों को ला सकते हैं और इस पर्यटन से हम अनेक व्यवसायों को जोड़ भी सकते हैं।

कॉफीटेबल बुक की संकल्पना की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र का गौरवशाली इतिहास रहा है। इस क्षेत्र के योद्धाओं की वीरता व साहस के कारण पूरी दुनिया में बुन्देलखण्ड की विशिष्ट पहचान है। जनपद झांसी प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की महान नायिका वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की कर्मभूमि है। उनका नाम इतिहास में अदम्य साहस और वीरता के लिए अमर है। आल्हा और ऊदल की वीरता की कहानियों का वैश्विक पटल पर स्मरण किया जाता है।

उन्होंने कहा कि जनपद झांसी की समृद्ध ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत की संपूर्ण जानकारी पर्यटकों को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही एक कॉफी टेबल बुक का प्रकाशन किया गया है। कॉफी टेबल बुक में ऐतिहासिक किले उनके आकर्षक फोटोग्राफ सहित जानकारी भी उपलब्ध कराई गई है, इसके अतिरिक्त बुंदेलखंड क्षेत्र के पारंपरिक परिधानों और कला, जिसमें चितेरी कला की महत्वपूर्ण जानकारी फोटोग्राफ्स के साथ उपलब्ध है।

कॉफी टेबल बुक में बुंदेलखंड के पारंपरिक पकवान की भी जानकारी उपलब्ध कराई गई है। कॉफी टेबल बुक आम जनमानस के लिए नगर की विभिन्न बुक स्टालों पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। अधिक से अधिक लोग कॉफी टेबल बुक परचेज करते हुए क्षेत्र की विरासत और समृद्धशाली इतिहास की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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