किताबें खोलती हैं दिमाग, कम करती हैं तनावः ब्रजेश पाठक

किताबें खोलती हैं दिमाग, कम करती हैं तनावः ब्रजेश पाठक


किताबें खोलती हैं दिमाग, कम करती हैं तनावः ब्रजेश पाठक


बलरामपुर गार्डन में 19वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला हुआ आरम्भ

लखनऊ, 23 सितम्बर (हि.स़.)। पुस्तकें दिमाग खोलती हैं। हमारे सोचने-समझने की क्षमता में विस्तार करती हैं। आज के समय इंटरनेट पर हम आश्रित होते जा रहे हैं, जबकि पुस्तकों का नियमित इस्तेमाल हमारी एकाग्रता को बढ़ाता है और तनाव में कमी करता है। किताबें हमें जीवन भर कुछ न कुछ सिखाती रहती हैं। यह बातें उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार को लखनऊ में शुरू हुए 19वें पुस्तक मेले के उद्घाटन अवसर पर कही।

मेला शहर के अशोक मार्ग स्थित बलरामपुर गार्डन में ‘हर घर पुस्तकालय‘ थीम पर आयोजित किया गया है। 10 दिन तक चलने वाला यह मेला दो अक्टूबर को, गांधी जयंती पर समाप्त होगा। साल 2003 से लगने वाले इस मेले के संस्थापक सदस्यों की तिकड़ी के स्वर्गीय उमेश ढल को उपमुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि अर्पित भी की।

इससे पहले अतिथियों का स्वागत सह संयोजक आस्था ढल ने किया। मुख्य संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने 19 वर्ष पहले शुरु हुए पुस्तक मेलों के सफर की चर्चा करते हुए बताया कि कैसे लखनऊ का पुस्तक मेले ने देश के पांच शीर्ष पुस्तक मेलों में जगह बनाई है और पुस्तक प्रेमियों के साथ ही प्रकाशकों के बीच भी लोकप्रिय हुआ।

इस अवसर पर अध्यक्षता कर रहें एडवोकेट रामजीदास, विशिष्ट अतिथि जयनारायण शुक्ला, जैनेन्द्र प्रताप सिंह और उत्तर प्रदेश ओलम्पिक संघ के उपाध्यक्ष टीपी हवेलिया आदि ने भी विचार रखे। वरिष्ठ कवि संजीव ने कविता सुनायी। अहमदाबाद के अपूर्व शाह ने ‘राम एक आस्था का मंदिर‘ पुस्तक उपमुख्यमंत्री को भेंट की।संचालन बिंदु जैन ने किया।

केटी फाउंडेशन और फोर्स वन बुक्स द्वारा आयोजित मेले के बारे में सह संयोजक आकर्षण जैन ने बताया कि मेले में राजपाल, राजकमल, किताबघर, लोकभारती, प्रभात, प्रकाशन संस्थान, सस्ता साहित्य मण्डल, नई किताब, सेतु, सम्यक, निखिल प्रकाशन, प्रतियोगिता दर्पण, इकतारा सहित सरकारी प्रकाशकों में प्रकाशन विभाग, उ.प्र. हिन्दी संस्थान, उ.प्र उर्दू अकादमी, उ.प्र. संस्कृत संस्थान, योगदा, रामकृष्ण मठ के प्रकाशन भी उपलब्ध होंगे। मेले में प्रवेश निःशुल्क है। पुस्तक प्रेमियों को न्यूनतम 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी। मेला पुस्तक प्रेमियों के लिए दो अक्टूबर तक प्रतिदिन प्रातः 11 बजे से रात नौ बजे तक खुला रहेगा। बलरामपुर गार्डन के भीतर पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था है।

पुस्तक मेले में आने वाले दिनों लेखकों-कवियों की रचनाओं पर चर्चा होगी। पुस्तक मेले में कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन भी कराया जायेगा। इसके साथ ही बच्चों के लिए प्रतिदिन डांस, पेण्टिंग, कार्टून मेकिंग, निबंध लेखन, गायन आदि की विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन ज्योति किरन रतन के संयोजन में आनलाइन किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / शैलेंद्र मिश्रा

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