कटखने बंदर व कुत्तों के काटने से जनवरी में 842 तथा फरवरी में 755 लोगों को लगे इंजेक्शन

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कटखने बंदर व कुत्तों के काटने से जनवरी में 842 तथा फरवरी में 755 लोगों को लगे इंजेक्शन


जालौन, 6 मार्च (हि.स.)। बदलते मौसम में जुकाम, बुखार बदन दर्द जैसी बीमारियां बढ़ने से सरकारी अस्पताल में मरीजों की बढ़ती भीड़ तथा बंदर काटने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए चिकित्सकों के द्वारा नागरिकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालपी में चिकित्साधीक्षक डॉ. दिनेश गुप्ता तथा शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक कुमार, डॉ. शेख शहरयार आदि ने बताया कि नगरीय क्षेत्र में आवारा कुत्तों एवं कटखने बंदरों के काटने से पीड़ित लोग चिकित्सालय में पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि जनवरी 2025 में कुत्तों एवं बंदरों के काटने के कुल 842 लोगों को एंटी रेबीज के इंजेक्शन लगाए गए, जबकि फरवरी में 755 लोगों को एंटी रेबीज की इंजेक्शन लगाए जा चुके हैं। यह तादाद दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसलिए लोगों को कटखने बंदरों एवं कुत्तों से बचाव के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता है। अपने विभागीय कार्यालय में जानकारी देते हुए चिकित्सकों ने बताया कि बार-बार मौसम में बदलाव होने के कारण बुखार, जुखाम, खांसी तथा बदन दर्द के रोगियों की तादाद में भी लगातार वृद्धि हो रही है। इसलिए बीमारियों से बचाव के लिए फुल आस्तीन के कपड़े पहने, अपने आसपास मच्छरों को ना पनपने दें, ज्यादा ठंडी चीजों का सेवन करने से बचें। स्वास्थ्य खराब होने पर चिकित्सकों की सलाह पर ही दवाई का सेवन करें।

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हिन्दुस्थान समाचार / विशाल कुमार वर्मा

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