77 वें कुल शरीफ़ की अदा हुई रस्म, उमड़े अकीदतमंद
बरेली, 12 दिसम्बर(हि.स.) । दरगाह बशीरी पर उर्स के तीसरे दिन 77 वें कुल शरीफ़ की रस्म अदा की गई। अक़ीदतमंदो ने उर्स में पहुंचकर शिरकत की। उर्स कमेटी के अहमद उल्लाह वारसी ने बताया कि दरगाह शाह शराफत मियां के सज्जादानशीन मोहम्मद गाज़ी सकलैनी उल कादरी ने दरगाह हज़रत मोहम्मद बशीर मियां पर चादरपोशी व गुलपोशी कर दुआएं खैर की और सलाम पेश की।
दरगाह के मौलाना मुक़ीम मियां बशीरी ने हज़रत मोहम्मद बशीर मियां की शख्सियत को बयां करते हुए कहा कि आप खुरासान से बरेली शरीफ़ तशरीफ़ लाएं,आपका लंगर दुनियाभर में मशहूर हैं।इंसानी खिदमात के साथ साथ चरिन्दों परिंदों को भी लंगर किया करते उसके बाद भी लंगरखाने में कभी अनाज खत्म न हुआ,बशीरी दरवार से हर ज़रूरतमंद को फ़ैज़ हासिल होता हैं। इसी कड़ी में नातो मनकबत का नज़राना पेश किया गया।बाद नमाज़े असर शाम साढ़े 4 बजे हज़रत मोहम्मद बशीर मियां के 77 वें कुल शरीफ़ की रस्म अदा की गई,खुसूसी दुआ में मुल्क व आवाम की तरक़्क़ी,खुशहाली की दुआ की गईं।अकीदतमंदों को लंगर तबर्रूक तकसीम किया गया।
जनसेवा टीम के अध्यक्ष पम्मी खान वारसी ने कहा कि उर्स में लगे सभी लोगों में दूरदराज से आये ज़ायरीन की सेवा की काबिले तारीफ़ हैं बड़ी तादात में कुल शरीफ़ में अकीदतमंद शामिल हुए।उर्स की व्यवस्था प्रभारी अहमद उल्लाह वारसी ने की।
उर्स की महफ़िल में ताज़ीम मियां बशीरी,मौलाना मुक़ीम मियां बशीरी,अहमद उल्लाह वारसी,पम्मी वारसी,अबरार हुसैन,कलीम मियां बशीरी,कासिम सकलैनी,अतहर वारसी,दानिश हुसैन,आसिफ हुसैन वारसी,समेत अन्य लोग शामिल रहे।
हिन्दुस्थान/ देश दीपक गंगवार/बृजनंदन
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