उड़िया साहित्य को समृद्ध करने में महिला लेखकों की भूमिका अहम : बनज देवी
उड़िया साहित्य की वरिष्ठ लेखिका बनज देवी से हिन्दुस्थान संवाददाता की बातचीत
लखनऊ,08 अप्रैल (हि.स.)। उड़िया साहित्य बहुत ही समृद्ध है, लेकिन समुचित अनुवाद न होने के कारण वह जन-जन तक नहीं पहुंच पायी। जरूरत है कि राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर उसका सही प्रकार से अनुवाद हो, ताकि उसका फैलाव हो सके।
यह बात उड़िया भाषा की वरिष्ठ लेखिका बनज देवी ने शनिवार को हिन्दुस्थान समाचार से विशेष वार्ता में कहीं। उन्होंने बताया कि उड़िया लेखकों में 10 में से 7 महिला लेखक हैं। वहां की महिलाओं की रूचि लेखन में पुरुषों की तुलना में अधिक है। उन्होंने बताया कि विश्वभर में सात हजार दो सौ भाषाएं हैं, उनमें से उड़िया 37वें नम्बर पर है।
उन्होंने कहाकि नारियां स्वयं में ही शक्ति हैं, उन्हें सिर्फ सशक्तीकरण की आवश्यकता है। बनज देवी ने बताया कि ओड़िसा में महिलाएं पहले से ही बहुत सशक्त हैं। वहां परिवार से लेकर हर स्तर पर महिलाओं की राय को महत्व दिया जाता है। उन्होंने बताया कि ओड़िसा में महिलाओं और पुरूषों में भेदभाव नहीं है। वहां की महिलाएं सारे काम करती हैं।
बनज देवी ओड़िसा की प्रसिद्ध लेखिका व कवियत्री हैं। उड़िया साहित्य को समृद्ध करने में उनका बड़ा योगदान रहा है। बनज देवी ने स्वयं 15 उपन्यास, 13 कहानी संग्रह, छह कविता संग्रह और दो जीवन चरित लिखी हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/शैलेंद्र मिश्रा

