सात दिवसीय श्री राम कथा के तीसरे दिन तारकासुर वध वृतांत का सुंदर वर्णन
- राम जन्मभूमि मंदिर में हुई प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में श्री साइन शौर्य मंदिर मिलन विहार मुरादाबाद में रामकथा जारी
मुरादाबाद, 25 जनवरी (हि.स.)। श्री राम जन्मभूमि मंदिर में हुई प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में श्री साइन शौर्य मंदिर मिलन विहार मुरादाबाद सात दिवसीय श्री राम कथा के तीसरे दिन गुरुवार को तारकासुर वध वृत्तांत का वर्णन हुआ। हरिद्वार से आए सत्यानंद आचार्य ने इस कथा का बड़ा ही मार्मिक वर्णन किया।
सत्यानंद आचार्य ने कहा कि सती के अंत के बाद हिमांचल प्रदेश में तारकासुर नामक राक्षस का जन्म होता है, जिसके अत्याचार से देवता गण घबरा जाते हैं। हिमांचल प्रदेश के राजा हिमांचल को पुत्री प्राप्त होती है। भगवान नारद का आगमन होता है। देवर्षि ना रद राजा व रानी को उनकी पुत्री को घोर तपस्या कर भगवान शिव को पाने का आदेश देते हैं। यह खबर सुन पति-पत्नीदोनों चिंतित हो गए। जैसे ही सुबह पार्वती को जगाने जाते हैं तो बिना कहे ही पुत्री पार्वती अपने स्वप्न को माता से बयां करती हैं और शिव को प्राप्त करने के लिए वन में कठोर तपस्या के लिए निकल पड़ती हैं। हजारों साल तपस्या के बाद माता पार्वती के पास भगवान शिव सप्त ऋषियों को माता पार्वती के पास उनकी परीक्षा लेने के लिए भेजते हैं। माता का अटूट भाव देख सप्त ऋषि क्षमा मांगते हुए माता को भोलेनाथ को प्राप्त करने का वरदान देते हुए चले जाते हैं।
सत्यानंद आचार्य ने आगे बताया कि उधर ब्रह्मा, विष्णु आदि देवता भगवान श्रीराम के बचनों को याद दिलाकर मां पार्वती से विवाह करने का आग्रह करते हैं। विवाह के बाद षड़आनन का जन्म होता है, षड़आनन के द्धारा तारका सुर का वध होता है। फिर पूरा देश और देवताओं में अमन चैन हो जाता है।
मंदिर प्रबंधक कमल मोहन सेठ द्वारा व्यवस्था देखी गई। पूजन पंडित आशुतोष शर्मा ने कराया। मुख्य यजमान शशिकांत वर्मा, संजय सक्सेना, अमित अग्रवाल, राकेश गुप्ता, पवन गुप्ता, नरेंद्र चौहान, अनिल मल्होत्रा आदि उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/निमित जायसवाल/सियाराम
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