उप्र के 58 जिले झेल रहे सबसे अधिक मानसून डेफिशियेंसी

कानपुर, 22 सितम्बर (हि.स.)। देश के कई राज्यों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी हो रही है। सबसे अधिक मानसून डेफिशियेंसी उत्तर प्रदेश के 58 जिले झेल रहे हैं। जबकि बिहार के 33 जिले इससे जूझ रहे हैं। प्रदेश में इस मॉनसून सीजन के दौरान 37 प्रतिशत कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। यह जानकारी गुरुवार को कृषि मौसम वैज्ञानिक ने दी।
उन्होंने बताया कि मौसम विभाग के ताज़ा आंकलन रिपोर्ट के मुताबिक, 21 सितम्बर 2022 तक सबसे ज्यादा मानसून डेफिशियेंसी झेल रहे 58 जिले उत्तर प्रदेश में हैं, जबकि बिहार के 33 जिले मानसून डेफिशियेंसी से जूझ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में इस मॉनसून सीजन के दौरान औसत से 37 प्रतिशत कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। बिहार में औसत से 30 प्रतिशत कम, पंजाब में 21 प्रतिशत और झारखण्ड में 20 प्रतिशत औसत से कम बारिश हुई है। मणिपुर, त्रिपुरा और मिजोरम समेत कुल 8 राज्यों में इस मॉनसून सीजन में औसत से 20 प्रतिशत या उससे कम बारिश हुई है।
उन्होंने बताया कि आईएमडी से प्राप्त डेटा के अनुसार कई राज्यों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी शुरू हो चुका है। मौसम विभाग की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक देश के 703 में से 206 ज़िलों में कम वर्षा (डिस्टेंस रेनीफाल) (-20 प्रतिशत से -59 प्रतिशत) या भारी कम वर्षा (लार्ज डिस्टेंस रेनीफाल) (-60 प्रतिशत से -99 प्रतिशत) रिकॉर्ड की गई। देश के 191 ज़िलों में दक्षिण पश्चिम मॉनसून सीजन के दौरान 21 सितम्बर तक कम वर्षा यानी औसत से 20 से 59 प्रतिशत तक कम बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि 15 ज़िलों में भारी कम वर्षा यानी औसत से 60 से 99 प्रतिशत तक कम बारिश दर्ज़ की गई है।
हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर
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