बड़े किसानों के रहमो करम पर फसल उगाने को मजबूर हैं उप्र के छोटे किसान

बड़े किसानों के रहमो करम पर फसल उगाने को मजबूर हैं उप्र के छोटे किसान
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बड़े किसानों के रहमो करम पर फसल उगाने को मजबूर हैं उप्र के छोटे किसान


बड़े किसानों के रहमो करम पर फसल उगाने को मजबूर हैं उप्र के छोटे किसान


















-विद्युत संयोजन चार्ज में 50 प्रतिशत की छूट या अनुदान की मांग उठी

गाजियाबाद,12 फरवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में छोटे किसान बड़े किसानों के रहमो करम पर जीने को मजबूर हैं क्योंकि सरकार और सरकारी विभागों के जिस तरह के अव्यावहारिक निर्णय हैं, उससे छोटे किसान अपनी मर्जी के मुताबिक फसल भी नहीं उगा पा रहे हैं। इस कारण वह परेशान हैं। गाजियाबाद के किसानों ने इसको लेकर एक पत्र भी प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा है।

गाजियाबाद निवासी किसान भवानी शंकर शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में छोटे किसानों की पीड़ा से अवगत कराया है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि सरकार और बिजली विभाग के अव्यवहारिक निर्णय के कारण छोटा किसान बड़े किसानों के रहमो करम पर जीने को मजबूर है। वह अपनी मर्जी से फसल तक नहीं उगा सकता है। पत्र में कहा है कि कृषि के जो ट्रैक्टर, नलकूप आदि जो संसाधन हैं, उन पर बड़े किसानों का नियंत्रण है। इसके चलते छोटा किसान समय से अपनी फसल को पानी तक नहीं दे पाता, जिसके कारण फसल बर्बाद हो जाती है और किस प्रभाव हो जाता है। मजबूर होकर या तो वह अपनी जमीन बेच देता है या फिर उसे ठेके पर दे देता है।

उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत 2 से 3 किलो व सोलर ऊर्जा पंपिंग सेट से काम चल सकता है लेकिन इसकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है ।उन्होंने मांग की है कि सोलर ऊर्जा पंपिंग सेट के लिए सोलर प्लेटों की सुरक्षा व बीमे की व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक एकड़ या 1 हेक्टेयर भूमि के स्वामी किसानों को उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड से भी बिजली का कनेक्शन नहीं मिल पाता जबकि ऐसे किसानों को 3 एच पी या 2 किलोवाट का विद्युत संयोजन दिया जाना चाहिए। साथ सरकार को इस पर 50 प्रतिशत छुट्टियां अनुदान प्रदान करनी चाहिए ताकि छोटा किसान भी अपना काम कर सके।

उधर भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ नेता राजबीर चौधरी का कहना है कि यह बड़ी समस्या है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और छोटे किसानों के लिए जो भी छोटी-मोटी समस्या आती है, उनकी समस्या को गंभीरता के साथ हाल करनी चाहिए, तभी छोटा किसान कुशल से रह सकता और अपनी फसल उगा सका है।

हिन्दुस्थान समाचार/फरमान अली

/रामानुज

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