4जी मीटर का टेंडर लेने वाली कंपनियों ने नहीं जमा की बैंक गारंटी, उपभोक्ता परिषद ने उठाये सवाल
लखनऊ, 06 दिसम्बर (हि.स.)। 4जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर लेने वाली कंपनियों द्वारा दो माह बाद भी तीन प्रतिशत बैंक गारंटी अभी तक जमा न करने पर उपभोक्ता परिषद ने सवाल उठाये हैं। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि जो 25000 करोड़ का टेंडर लिया हो और अभी तक तीन प्रतिशत तक बैंक गारंटी नहीं जमा कर पाया। वह आगे किस गति से काम करेगा।
उपभोक्ता परिषद ने कहा कि पहले इन्हीं निजी घरानों ने 10 प्रतिशत की बैंक गारंटी को कम कराकर तीन प्रतिशत कराया। अब उसे तीन प्रतिशत भी जमा करने में पसीना छूट रहा है। ऐसी स्थिति में वह उपभोक्ताओं और बिजली विभाग के साथ न्याय पूर्ण कार्य कैसे कर पाएगा।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि अभी भी समय है। पावर कारपोरेशन को सभी निजी घरानों को निर्देश देना चाहिए कि चुकी 4 जी तकनीकी अब कुछ दिन के लिए ही है। इसलिए 5जी तकनीकी के ही मीटर खरीद कराएं। अन्यथा की स्थिति में एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड जैसे अभी तक 12 लाख पुरानी तकनीकी 2जी का मीटर नहीं बदल रही है। वही हाल इनका भी होने वाला है।
अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि सबसे बडा सवाल यह है कि सभी निजी घराने जिनहे उच्च दर पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर दिया गया है। वह सभी अब सब लेट करके मीटर निर्माता कंपनियों के लिए मीटर का टेंडर निकाल रहे है और उनसे मीटर लेंगे। अभी स्वतः खुलासा हो जाएगा। उच्च दर पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर लेने वाले निजी घराने मीटर निर्माता कंपनियों से किस दर पर मीटर खरीदने जा रहे हैं। कॉस्ट डाटा बुक में जब स्मार्ट प्रीपेड मीटर किस दर में खरीदा जाएगा। उसका दर अंकित करने के लिए पावर कारपोरेशन ने जिन निजी घरानों को टेंडर दिया था। उनसे मीटर का मूल्य पूछा तो किसी ने भी मीटर का मूल्य नहीं बताया इससे स्वता अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिन निजी घरानों को अरबों का मीटर का टेंडर दिया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/पदुम नारायण
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