एग फ्रीजिंग तकनीक से चालीस की उम्र के बाद भी स्वस्थ बच्चे को जन्म देना सम्भव

एग फ्रीजिंग तकनीक से चालीस की उम्र के बाद भी स्वस्थ बच्चे को जन्म देना सम्भव
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एग फ्रीजिंग तकनीक से चालीस की उम्र के बाद भी स्वस्थ बच्चे को जन्म देना सम्भव


- डॉ ऋषिकेश डी पाई ने ’डॉ एके बंसल ओरेशन’ पर दिया व्याख्यान

प्रयागराज, 25 फरवरी (हि.स.)। इलाहाबाद मीनोपॉज सोसाइटी द्वारा आयोजित इंडियन मीनोपॉज सोसाइटी की 29वीं राष्ट्रीय कांफ्रेंस के तीसरे दिन रविवार को देश के नामी गयनेकोलॉजिस्ट डॉ. ऋषिकेश डी पाई ने ‘40 की उम्र में गर्भावस्था’ पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि कई समस्याओं को देखते हुए अब कई महिलायें अपना एग फ्रीज करवा रहीं हैं जिससे सही समय आने पर एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे सकें।

इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन सभागार में ’डॉ एके बंसल ओरेशन’ में मुम्बई से आये डॉ.ऋषिकेश डी पाई ने कहा कि ने बताया कि 40 वर्ष की उम्र में गर्भधारण करने में माँ व बच्चे को कई शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। इस उम्र में महिलाओं में अंडाणु की संख्या कम होने लगती है। ऐसा भी देखा गया है की अधिक उम्र में माँ बनने पर उनके बच्चों में कई अनुवांशिक समस्याएं हो गयीं। कई ऐसे बच्चों में डाउन सिन्ड्रोम आदि की समस्या भी पायी गयी। इसके साथ ही अधिक उम्र में प्रेगनेंसी रेट भी कम हो जाता है। ऐसे में महिलायें या तो आईवीएफ करवाती हैं या कई बार बच्चे को गोद लेना चाहते हैं, जो अब सरल प्रक्रिया नहीं है।

डॉ पाई न बताया की गर्भधारण की वैज्ञानिक उम्र 20 से 30 साल के बीच मानी जाती है। लेकिन कैरियर की प्राथमिकता व अन्य कई कारणों से महिलाएं इस उम्र में मां बनने से परहेज करने लगी हैं। इसलिए आज के युग में बड़े शहरों में एग फ्रीजिंग का चलन बढ़ रहा है। एग फ्रीजिंग महिलाओं को गर्भधारण की सही उम्र बीत जाने के बाद भी प्रेग्नेंसी की सुविधा देती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं में गर्भधारण की वास्तविक उम्र में उनसे अंडा निकाल लिया जाता है और इसे सुरक्षित रख लिया जाता है। हम एग फ्रीजिंग 2007 से कर रहें हैं। इसके अलावा हम बड़ी उम्र में प्रेगनेंसी दर को बढ़ाने के लिए ओवेरियन रेजुवेनशन थेरेपी भी करते हैं, इससे भी कई बार बड़ी उम्र में माँ को गर्भधारण करने में मदद मिलती है।

इस ओरेशन की ऑर्गनाइजिंग चेयरपर्सन व जीवन ज्योति हॉस्पिटल की निदेशक डॉ वंदना बंसल, इंडियन मीनोपॉज सोसाइटी की प्रेसिडेंट डॉ अंजू सोनी, डॉ अनुराधा खन्ना व डॉ रंजना खन्ना ने भी विचार व्यक्त किये। तीन दिवसीय कांफ्रेंस के अंतिम दिवस एडवांस्ड लप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ अर्पित बंसल ने लेप्रोस्कोपी व हिस्टेरोस्कोपी प्रक्रिया, इंटरवेंशनल रेडियोलाजिस्ट डॉ हर्षित बंसल ने इंटरवेंशनल रेडियोलोजी के विभिन्न इलाज में इंटरवेंशनल रेडियोलोजी की उपयोगिता, बाल्य रोग विशेषज्ञ डॉ साक्षी आर बंसल का ओवेरियन व ब्रेस्ट कैंसर का जेनेटिक्स से सम्बन्ध, डॉ प्रभु मिश्रा ने स्टेम सेल, डॉ सेजल अजमेरा ने जीएसएम, कांफ्रेंस की ओर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ अंजुला सहाय, डॉ मोनिका सिंह, डॉ रणधीर सिंह, डॉ अमृता चौरसिया आदि ने मीनोपॉज व उससे सम्बंधित समस्यायों व उनके निदान की नवीनतम चिकित्सा तकनीक पर जानकारी साझा की।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/प्रभात

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