आईएमएस-बीएचयू में 200 बिस्तर का बनेगा जरा चिकित्सा केंद्र, वृद्ध रोगियों के लिए वरदान

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आईएमएस-बीएचयू में 200 बिस्तर का बनेगा जरा चिकित्सा केंद्र, वृद्ध रोगियों के लिए वरदान


वाराणसी,19 फरवरी (हि.स.)। चिकित्सा विज्ञान संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू)में वृद्ध रोगियों की सुविधा के लिए 200 बिस्तर का जरा चिकित्सा केन्द्र बनेगा। नेशनल सेंटर ऑफ़ ऐजिंग का निर्माण वृद्ध रोगियों के लिए वरदान से कम नहीं है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अन्तर्गत जराचिकित्सा विभाग के 200 बेड वाले नैशनल सेंटर ऑफ़ ऐजिंग के प्रस्ताव को मंज़ूरी मिल गई है।

स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम-राष्ट्रीय वरिष्ठ जन स्वास्थ योजना (नेशनल प्रोग्राम फॉर हेल्थकेयर ऑफ़ एल्डर्ली के तहत चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू को वर्ष 2014 में क्षेत्रीय जरा चिकित्सा केंद्र (रीजनल जेरिएट्रिक सेंटर) के रूप में नामित किया था। इस योजना के अंतर्गत 2018 में चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू में जराचिकित्सा विभाग बनाया गया। और एमडी जराचिकित्सा पाठ्यक्रम भी शुरू किया गया। जरा चिकित्सा विभाग चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू उत्तर प्रदेश का पहला विभाग है जहां एमडी जराचिकित्सा की पढ़ाई होती है। राष्ट्रीय प्रोग्राम के दिशा निर्देशों के अनुसार नेशनल एजिंग सेंटर एक बहुमंजिला इमारत होगी। इसमें वरिष्ठ चिकित्सक और सीनियर रेसिडेंट की सीटों में वृद्धि के साथ स्नातकोत्तर एमडी जराचिकित्सा सीटों को 3 से बढ़ाकर 15 किया जाएगा। विश्वविद्यालय में नेशनल सेंटर ऑफ़ ऐजिंग ना सिर्फ़ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे पूर्वी भारत की जराचिकित्सा के उत्थान एवं ज़रूरतों को पूरा करने में सक्षम होगा।

नेशनल सेंटर ऑफ़ ऐजिंग में ओपीडी कॉम्प्लेक्स 14 कमरे चिकित्सकों के होंगे। इसमें पंजीकरण, फार्मेसी, रेडियो डायग्नोसिस, फिजियोथेरेपी, योग, ध्यान और अनुसंधान प्रयोगशाला भी होगी। इसके निर्माण की कुल लागत 147.39 करोड़ आएगी। 2045 वर्गमीटर में ग्राउंड तल से 06 मंजिले भवन में 40 बिस्तरों के 3 वार्ड और 6 एचडीयू,138 बिस्तर (46x3) डायलिसिस 6 बिस्तर,आईसीयू 20 बिस्तर, डे केयर 6 बिस्तर,ऑपरेशन थिएटर (प्री और पोस्ट ओपी)10 बेड,निजी वार्ड 20 कमरे के होंगे।

बुजुर्गों के लिए चिकित्सा सेवाओं को विकसित करना प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प

बुजुर्गों के लिए चिकित्सा सेवाओं को विकसित करना वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दृढ़ संकल्प है। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने बीएचयू में नेशनल सेंटर ऑफ़ ऐजिंग को मंजूरी दी है। बीएचयू में क्षेत्रीय जराचिकित्सा केंद्र (रीजनल जेरिएट्रिक सेंटर) बनने से यहां भर्ती मरीजों को बीएचयू परिसर में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के साथ कनेक्टिविटी जिससे वृद्ध रोगियों को कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, सर्जरी जैसे विभिन्न सुपर स्पेशलिटी विभागों में परामर्श लेने में आसानी होगी। बीएचयू का सर सुंदरलाल अस्पताल पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के साथ-साथ झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग और नेपाल के दक्षिणी भाग को मिलाकर लगभग 20 करोड़ की बड़ी आबादी को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है, जिसमें लगभग 2 करोड़ वृद्ध शामिल है।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/राजेश

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