170 टीमें 80 हजार घरों में सर्वे करके खोजेंगी सक्रिय टीबी मरीज
बांदा, 24 नवम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 5 दिसम्बर 2023 तक सक्रिय टीबी रोगियों को खोजने के लिए 170 टीमें बनाई गई हैं, इनके साथ 23 सुपरवाइजर भी लगाए गए हैं। जो 80 हजार घरों में जाकर सक्रिय मरीजों की खोजबीन करेंगे।
यह जानकारी शुक्रवार को देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कुल 3945 क्षय रोगी एवं 244 मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट क्षय रोगी इलाज ले रहे हैं एवं प्रत्येक क्षय रोगी का शासन की ओर से इलाज पूरा होने तक 500 रु० न्यूट्रीशन सपोर्ट धनराशि उनके खाते में डी०बी०टी० के माध्यम से स्थानान्तरित की जा रही है। प्राइवेट चिकित्सकों एवं नर्सिंग होम को क्षय रोगी नोटिफाइड कराने एवं आउटकम देने पर प्रत्येक रोगी पर 500 रू. दिये जा रहे है।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि टीबी रोगियों की समस्त जांचे टीबी क्लीनिक, जिला चिकित्सालय, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं मेडिकल कालेज में निःशुल्क उपलब्ध है। जनपद में एक सीबीनाट एवं 4 टूनाट मशीनें बिसण्डा, अतर्रा, नरैनी एवं मेडिकल कालेज में लगी हुई है। जिनमें टीबी रोगियों की निःशुल्क जांच की जा रही हैं। रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज में नोडल डीआरटीबी सेन्टर स्थापित किया जा चुका है। जनपद में हैल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टर पर सीएचओ के माध्यम से टीबी मरीजों को दवायें एवं इलाज दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विकसित भारत संकल्प यात्रा के अन्तर्गत जनसामान्य को टीबी रोग के विषय में जागरूक करते हुए योजना के बारे में जानकारी दी जायेगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अजय कुमार ने बताया कि प्रधानमन्त्री के 2025 तक टीबी रोग को समाप्त करने के संकल्प एवं लक्ष्य के दृष्टिगत प्रत्येक वर्ष 10 दिवसीय एक्टिव केस फाइन्डिंग अभियान चलाया जाता है, जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता चिन्हित जनसंख्या में भ्रमण करके संभावित क्षय रोगियों की खोज करते हैं। इस वर्ष भी अभियान पूरे जनपद में 23 नवम्बर 2023 से प्रारम्भ हो चुका है जिसमें टीमें चयनित क्षेत्रों के घर-घर में जाकर टी०बी० के लक्षणों से ग्रसित रोगियों को खोजेंगी जिनके स्पुटम का परीक्षण कराकर उन्हें डाट्स पद्धति से निःशुल्क दवा खिलाई जायेगी।
उन्होंने बताया कि इस अभियान में जनपद की उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की 20 प्रतिशत जनसंख्या को लक्ष्य किया गया है। कुल 170 टीमें 32 सुपरवाइजरों के निर्देशन में 80 हजार घरों का सर्वे करेंगी एवं टीबी के मुख्य 5 लक्षणों 2 हफ्ते से अधिक की खांसी,बुखार,वजन कम होना,रात में पसीना आना एवं भूख न लगना से ग्रसित व्यक्तियों को चयनित करेंगी।
इस मौके पर उपजिला क्षय रोग अधिकारी डा. देवेश माथुर जिला कार्यकम समन्वयक प्रदीप कुमार वर्मा, पीपीएम कोआर्डिनेटर गणेश प्रसाद, डीपीएम एड्स बृजेन्द्र साहू, एकाउंटेंट आमिर हाशमी, एसटीएस अशरफ हयात, इन्द्र कुमार साहू, विकल्प सोनी सहित टीबी क्लीनिक के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/अनिल/राजेश
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