महिला अधिकार सम्मेलन में 13 सूत्रीय घोषणापत्र जारी, महिलाओं से एकजुटता की अपील
वाराणसी, 03 मार्च (हि.स.)। लोकसभा चुनाव मन्दिर-मस्जिद और नफरती मुद्दों के बजाय रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और सामाजिक न्याय जैसे असल मुद्दों पर लड़ने की मांग रविवार को महिला अधिकार सम्मेलन में की गई।
वामपंथी सामाजिक संगठनों,कांग्रेस,आइसा,ऐपवा,समाजवादी महिला सभा,आम आदमी पार्टी से जुड़ी महिला पदाधिकारियों ने कचहरी स्थित शास्त्रीघाट पर आयोजित सम्मेलन में अपना 13 सूत्रीय महिला घोषणापत्र जारी किया। सम्मेलन के जरिए सरकार से मांग की गई कि महिला आजादी में बिना कोई समझौता किए हमारी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। साथ ही सभी संस्थाओं में विशाखा गाइडलाइंस लागू किया जाय।
महिला वक्ताओं ने कहा कि महिलाएं बराबरी, सम्मान, सुरक्षा और रोजगार के अधिकार के लिए एकजुट हो। समाज में हिंसा और नफरत लगातार बढ़ती जा रही है। हिंसा हमेशा से महिला विरोधी रही है। आजादी के 75 वर्षों बाद भी आधी आबादी अपने उचित प्रतिनिधित्व के लिए संघर्षरत है। हमारी माँग है कि संसद, राज्य की विधानसभाओं एवं सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही सम्मानजनक रोजगार को मूलभूत अधिकारों में शामिल किया जाए।
सम्मेलन में बतौर वक्ता जनजागरण अधिकार मंच की कामायनी,सामाजिक कार्यकर्ता ऋतु, ऐपवा की राष्ट्रीय सचिव प्रो. सुधा चौधरी,गाँधीवादी कार्यकर्ता मणिमाला, यूपी महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष प्रतिभा अटल पाल, समाजवादी महिला सभा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा यादव ,आम आदमी पार्टी की मोहिनी आदि ने विचार प्रकट किया।
कार्यक्रम में दखल, लोक समिति, महिला चेतना समिति, साझा संस्कृति मंच, बीएसएम, प्रिस्मैटिक फाउंडेशन और मनरेगा मजदूर यूनियन आदि संगठनों से जुड़ी महिलाओं ने भी भागीदारी की। इसके पहले जेपी मेहता इंटर कॉलेज से शास्त्री घाट तक महिलाओं ने पदयात्रा भी की।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/पदुम नारायण
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।