अधिवक्ताओं को घातक चोट पहुंचाने पर हो 10 वर्ष की सजा और 10 लाख का जुर्माना
कानपुर, 23 दिसम्बर (हि.स.)। अधिवक्ताओं के हितों के लिए लंबे समय से मांग चल रही है और अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम के लिए कमेटी द्वारा सुझाव मांगे गये हैं। इस पर कानपुर लॉयर्स एसोसिएशन की ओर से सुझाव दिये गये हैं जिनमें प्रमुख बिन्दु अधिवक्ताओं को घातक चोट पहुंचाने पर 10 वर्ष की सजा और 10 लाख का जुर्माना हो,रखा गया है।
अधिवक्ताओं की सुरक्षा और जीवन रक्षा के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम के लिए बनाई गई प्रारूप (ड्राॅफ्ट) कमेटी के संयोजक अमरेंद्र नाथ सिंह द्वारा प्रदेश के अधिवक्ता संघों से सुझाव/प्रस्ताव मांगे गए। जिससे शीघ्र अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम का प्रस्तावित ड्राॅफ्ट सरकार को पेश किया जा सके। लाॅयर्स एसोसिएशन कानपुर के अध्यक्ष रवीन्द्र शर्मा ने अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम के प्रस्तावित प्रारूप में अधिवक्ता हितार्थ प्रस्ताव ई मेल के जरिये ड्राॅफ्टिंग कमेटी को प्रेषित किया है। प्रस्ताव के अनुसार अधिवक्ता पर हमला किए जाने पर तीन साल सजा और 50 हजार का जुर्माना हो। घातक चोट पहुंचाने पर 10 साल की सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माना हो। आपराधिक बल प्रयोग या धमकी पर भी तीन साल की सजा का प्रावधान किया जाए। अधिवक्ता पर हमले की जांच एसपी रैंक के अधिकारी करें और एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यदि अधिवक्ता की संपत्ति को क्षतिग्रस्त किया जाता है या नुकसान पहुंचाया जाता है तो क्षति की राशि का निर्धारण न्यायालय द्वारा किया जाए और निर्धारित क्षति की राशि संबंधित अपराधी से भू राजस्व की भांति वसूल कर पीड़ित अधिवक्ता को दी जाए। ये विशेष रूप से हो कि यदि किसी अधिवक्ता के विरुद्ध कोई शिकायत होती है तो सर्वप्रथम संबंधित अधिवक्ता संघों से सूचित कर संघ की सहमति के उपरांत ही कार्रवाई हो। अधिनियम का दुरुपयोग रोकने के लिए प्रावधानित किया जाए कि यदि कोई अधिवक्ता अधिनियम का दुरुपयोग करता है तो उस अधिवक्ता के विरुद्ध भी दो साल के दंड का प्रावधान हो।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/सियाराम
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