डायट से विशिष्ट बीटीसी 1999 बैच का गजट गायब,हजारों शिक्षक सीटेट फॉर्म से वंचित

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डायट से विशिष्ट बीटीसी 1999 बैच का गजट गायब,हजारों शिक्षक सीटेट फॉर्म से वंचित


डायट से विशिष्ट बीटीसी 1999 बैच का गजट गायब,हजारों शिक्षक सीटेट फॉर्म से वंचित


औरैया, 20 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) अजीतमल की गंभीर प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है। विशिष्ट बीटीसी वर्ष 1999 बैच का गजट डायट से गायब होने के कारण लगभग एक हजार शिक्षक केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) का आवेदन नहीं कर सके। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद टेट/सीटेट उत्तीर्ण होना अनिवार्य होने से शिक्षकों में भारी आक्रोश व्याप्त है।

सीटेट आवेदन में विशिष्ट बीटीसी परीक्षा के प्राप्तांक भरना अनिवार्य था। इसी के लिए 1999 बैच के शिक्षक डायट अजीतमल पहुंचे, लेकिन जांच के दौरान पता चला कि संबंधित गजट उपलब्ध ही नहीं है। काफी खोजबीन के बावजूद गजट नहीं मिल सका। परिणाम स्वरूप आवेदन की अंतिम तिथि 15 दिसंबर तक करीब एक हजार शिक्षक फॉर्म भरने से वंचित रह गए। इनमें लगभग 150 शिक्षक केवल अजीतमल ब्लॉक में ही तैनात हैं।

शिक्षकों का कहना है कि विशिष्ट बीटीसी 1999 परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्हें केवल प्रमाणपत्र प्रदान किया गया था, जिसमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी का ही उल्लेख था। अंकों से संबंधित कोई पृथक प्रमाणित अभिलेख कभी उपलब्ध नहीं कराया गया। ऐसे में गजट का डायट से गायब होना सीधे तौर पर गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। इस मामले को लेकर शिक्षकों में गहरा रोष है और शीघ्र समाधान की मांग तेज हो गई है। डायट की इस चूक ने न केवल सैकड़ों शिक्षकों को संकट में डाल दिया है, बल्कि शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

शिक्षक प्रबल प्रताप, अरविंद राजपूत, विजय कुमार, विक्रम दत्त, दीपक दुब, मनोज अवस्थी, रमेश चंद्र व शिवकरन राजपूत ने बताया कि गजट का न मिलना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, इससे सैकड़ों शिक्षकों का भविष्य अधर में लटक गया है। डायट की लापरवाही से शिक्षक सीटेट फॉर्म से वंचित हुए, जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। समय रहते गजट उपलब्ध हो जाता तो हम सभी शिक्षक आवेदन कर सकते थे। इतने बड़े बैच के अभिलेखों का सुरक्षित न होना गंभीर प्रशासनिक चूक है। सीटेट फॉर्म न भर पाने से भविष्य को लेकर गहरी चिंता बनी हुई है। अंकों का कोई अन्य अभिलेख न होने से हम पूरी तरह डायट पर निर्भर थे। समस्या के त्वरित समाधान के लिए शासन स्तर पर हस्तक्षेप जरूरी है।

इस संबंध में डायट प्राचार्य गंगा सिंह राजपूत ने शनिवार काे बताया कि विशिष्ट बीटीसी 1999 बैच का गजट कहीं सुरक्षित रखा गया था, लेकिन फिलहाल मिल नहीं रहा है। द्वितीय प्रतिलिपि प्राप्त करने के लिए प्रयागराज कार्यालय को पत्र भेज दिया गया है। जैसे ही प्रतिलिपि प्राप्त होगी, शिक्षकों को उनके अंक उपलब्ध करा दिए जाएंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार

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