बस और ट्रेन यात्रियों को अब नहीं सताएगा कोरोना संक्रमण का डर, काशी के होनहारों ने तैयार किया पैसेंजर सेनेटाइजर सिस्टम
वाराणसी। कोरोना महामारी के दौरान यात्रा पर भी मनाही की गयी और हवाई जहाज़ की परवाज़ से लेकर ट्रेन और बसों के पहिये रोक दिए गए। कितने ही कामगारों को पैदल, साईकिल से यह ट्रकों से लिफ्ट लेकर सफर करते देखा गया। कई की एक्सीडेंट में जान भी गयी। ट्रेन, बस और पब्लिक व्हीकल्स की आवाजाही संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए रोकी गयी थी। ऐसी विभीषिका दुबारा आये और बस और ट्रेनों को न बंद करना पड़े इसके लिए काशी के होनहारों ने ऑटोमैटिक पैसेंजर सेनेटाइजर डिवाइस का अविष्कार किया है।
अभी तक अलग से बॉडी सेनेटाइजर का उपयोग जगह-जगह किया जा रहा है पर यह डिवाइस डोर सूटेबल डिवाइस है और पूरी तरह से आटोमैटिक है। इस डिवाइस को अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के बीटेक इलेक्ट्रॉनिक डिपार्टमेंट के फोर्थ सेमेस्टर के तीन छात्रों शिवम् सिंह, नवीन मौर्या और सूरज साहनी ने तैयार किया है।
छात्र शिवम् सिंह ने बताया कि इस स्मार्ट सेनेटाइजर सिस्टम को पैसेंजर बस व ट्रेन गेट के इंट्री पवाइंट पे लगाया जा सकता है l स्टेशन पर ट्रेन के पहुंचने पर ये सेनेटाइजर सिस्टम ऑन हों जाता हैं, जिससे ट्रेन से उतरने वाले यात्री सेनेटाइज हों जायेंगे इसके जरिये कोरोना को फैलने से रोका जा सकता हैं l वही इस ऑटोमेटिक सेनेटाइजर सिस्टम को सभी सरकारी व प्रावेट पैसेंजर बसों में भी लगाया जा सकता हैं l बस में पैसेंजर के चढ़ने व उतरने पर ये सेनेटाइजर सिस्टम ऑन हो जाता है, जिससे बस में चढ़ने व उतरने वाले व्यक्ति सेनेटाइज हो जाते हैं l
छात्र नवीन मौर्या ने बताया कि सिर्फ यात्री ही नहीं सिटी के किसी भी चौराहे पे पहुंचने पर पूरी बस ओटोमेटिक सेनेटाइज हो जायेगी। बस में लगे सेनेटाइजर किट में रिसिवर लगा हैं। इसका टांसमीटर शहर के चौराहे पे जगह - जगह लगा होगा। चौराहे पर लगे ट्रांसमीटर के रेंज में बस के आने पर रिसिवर सेनेटाइजर सिस्टम को ऑन कर देगा, जिससे पूरा बस ओटोमेटिक सेनेटाइज हो जाएगी।
छात्र सूरज सहानी ने बताया कि इसे बनाने में फॉग स्प्रै किट, ट्रांसमीटर रिसिवर, 12, वोल्ट बैटरी, रबर की पाइप लगी है और इसे बनाने में एक हफ्ते का समय लगा है। अशोका इंस्टीट्यूट के रिसर्च एवं डेवलेपमेंट हेड श्याम चौरसिया ने छात्रों के प्रयास को सराहते हुए कहा कि पहले से ही मार्केट में कई कंपनियों के बॉडी सेनेटाइजर मशीने उपलब्ध हैं और काइए कार्यस्थलों पर इनका उपयोग किया जा रहा है पर छात्रों का प्रयास सराहनीय है क्योंकि ये मॉस को देखकर बनाया गया है साथ ही कम पैसे पर उपलब्ध होगा।
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