इन लक्षणों से समय रहते ही हो सकती है ब्‍लैक फंगस की पहचान, जल्‍द इलाज शुरू होने पर नहीं रहेगा जानलेवा 

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वाराणसी। कोरोना से संक्रमि‍त और रि‍कवर हुए मरीजों के लि‍ये इन दि‍नों एक नयी बीमारी ने अपना असर दि‍खाना शुरू कर दि‍या है। आम भाषा में इसे 'ब्‍लैक फंगस' कहा जाता है, जबकि‍ डॉक्‍टरी भाषा में इसे श्‍लेष्‍मा या म्यूकोर माइकोसिस कहते हैं। जनरल डेंटि‍स्‍ट का इस इन्‍फेक्‍शन को शुरुआती लक्षणों से पहचानने में बहुत योगदान है और प्रारंभ से ही संक्रमण का इलाज शुरू हो जाने पर यह जानलेवा नहीं हो पाता। 

इंडि‍यन डेंटल एसोसि‍एशन के शाखा सचि‍व और वाराणसी के जाने माने डेंटि‍स्‍ट डॉक्‍टर अमर अनुपम के अनुसार ब्‍लैक फंगस के शुरुआती लक्षण चेहरे पर ही दि‍खना शुरू हो जाते हैं। डॉक्‍टर अमर अनुपम ने ब्‍लैक फंगस के कुछ महत्‍वपूण लक्षणों के बारे में बताया है। इनमें - 

मुंह में पाये जाने वाले लक्षण 
1. चेहरे की हड्डी में एक या दोनों तरफ दर्द व सूजन
2. तालू में सूजन और कालांतर में तालू में घाव 
3. मसूड़े में सूजन और घाव 
4. दातों में दर्द 
5. मुंह से बदबू आना

ब्‍लैक फंस से बचाव के लि‍ये टि‍प्‍स 
डॉ अमर अनुपम के अनुसार कोवि‍ड नि‍गेटि‍व होने के बाद अपना टूथ ब्रश और टंग क्‍लीनर बदल लें। साथ ही नि‍यमि‍त रूप से दो प्रति‍शत बीटाडीन से माउथ वॉश और गलाला करें। इसके अलावा प्रति‍दि‍न अपने टूथ ब्रश और टंग क्‍लीनर को एंटीसेप्‍टि‍क माउथ वॉश से डि‍सइन्‍फेक्‍ट करें। कोवि‍ड से रि‍कवर हुए पेशेंट घर के अन्‍य सदस्‍यों के साथ कॉमन होल्‍डर न शेयर करें। 

डॉ अमर अनुपम

डॉ अमर अनुपम के अनुसार बीते एक हफ्ते के अंदर ही उनके अस्‍पताल में तीन मरीज ऐसे आ चुके हैं जि‍नमें ब्‍लैक फंगस के शुरुआती लक्षण हैं। इनके तालू की हड्डी गल चुकी थी। ऐसे मरीजों को तत्‍काल उच्‍च चि‍कि‍त्‍सा के लि‍ये रेफर कि‍या गया। 

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