संयुक्त राष्ट्र संघ की जॉब छोड़कर वाराणसी में ज़रूरतमंदों को FABI FLU मुहैया करवा रहे हैं अभिनव
वाराणसी। संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएन) द्वारा UNAIDS स्पेशल यूथ फेलोशिप पाने वाले पहले व्यक्ति और UNAIDS के जेनेवा (स्विजरलैंड) और दिल्ली ऑफिस में काम कर चुके वाराणसी के अभिनव इस समय जिले में कोरोना संक्रमण से पीड़ित लोगों को FABI FLU (FAVIPIRAVIR) मुहैया करवा रहे हैं। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में कारगर यह दवा अभिनव और उनकी टीम अब तक वाराणसी सहित आस पास के जनपदों के साथ ही साथ कानपुर और गाज़ियाबाद तक ट्रेन द्वारा कूरियर कर चुकी है।
साल 2010 से वाराणसी में शुरू हुए द डोव फाउंडेशन के फाउंडर मेंबर अभिनव सिंह की पहल पर उनके 5 साथी इस समय वाराणसी और आस पास के जनपदों के लोगों के लिए देवदूत सरीखा कार्य कर रहे हैं। द डोव फाउंडेशन के अभिनव सिंह, राकेश, मोहिता सिंह, विशाल सिंह, वैभव और ऋषभ इस दवा को आम जनमानस में पहुंचाने में लगे हुए हैं। कोई भी बीमार व्यक्ति अपने आधार कार्ड की कॉपी और अपने अटेंडेंट की आधार की कॉपी और डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन देने के बाद यह दवा ले सकता है।
इस सम्बन्ध में अभिनव सिंह ने बताया कि साल 2018 से वाराणसी में शुरू हुए द डोव फाउंडेशन ने 2020 की कोरोना काल में लोगों में खाना और फिर पेप्सिको इंडिया से टाइअप करके मॉस्क, सेनीटाइजर और ग्रामीण इलाकों में सेनेटरी पेड का वितरण किया। साल 2021 में एक बार फिर कोरोना की दूसरी लहार में जब FABI FLU (FAVIPIRAVIR) को हल्के संक्रमण में असरदार मना गया तो इसकी कालाबाज़ारी शुरू हो गयी, जिसके बाद हमने अपने एक मित्र की सहायता से इसे आम जान मानस में पहुंचाने की ठानी।
हमने इसके लिए सोशल मीडिया साइट्स पर एक सूचना डाली की जिस किसी को भी FABI FLU (FAVIPIRAVIR) दवा चाहिए वो हमसे संपर्क कर एमआरपी रेट 1224/- में प्राप्त कर सकता है। अभिनव ने बताया कि तब से लेकर आज तक हम वाराणसी, आज़मगढ़, जौनपुर, चंदौली, मिर्ज़ापुर, गाज़ीपुर, मऊ के साथ ही साथ कानपुर और गाज़ियाबाद तक FABI FLU (FAVIPIRAVIR) दवा पहुंचवा चुके हैं।
अभिनव सिंह ने बताया कि यदि कोई वाराणसी का व्यक्ति है और उसे डॉक्टर ने 5 डोज़ लिखी है तो उसे सिर्फ हम 24 घंटे की डोज़ देंगे ताकि उसे यदि कहीं और से मिल जाए तो अच्छा है वरना हम फिर उसे दूसरे दिन की डोज़ देते हैं। इसके अलावा वाराणसी से बाहर के व्यक्तियों को पूरी डोज़ दी जाती है क्योंकि उन्हें बार-बार कूरियर नहीं किया जा सकता।
अभिनव ने बताया कि हमारे पास कई लोगों का फोन आया कि हमें भी FABI FLU (FAVIPIRAVIR) चाहिए, जब उनसे डॉक्टर्स का प्रिस्क्रिप्शन माँगा गया तो वो दिखाने में असमर्थ रहे और बोले की एहतियातन रखना चाहते हैं, जिसपर हमारी तरफ से मना कर दिया गया क्योंकि ऐसे ही लोगों द्वारा कालाबाज़ारी करने की आशंका है।
द डोव फाउंडेशन की टीम में मौजूद अभिनव सिंह, मोहिता और ऋषभ लोगों की काल अटेंड कर रहे हैं और राकेश विभाग और ऋषभ काल पर लोगों को उनके द्वारा सूटेबल एरिया में पहुंचकर उन्हें FABI FLU (FAVIPIRAVIR) दिया जा रहा है।
बता दें की दवा कंपनी ग्लेनमार्क ने माइल्ड लक्षणों वाले 90 और मॉडरेट लक्षणों वाले 60 मरीजों पर दवा FABI FLU (FAVIPIRAVIR) का क्लिनिकल ट्रायल किया था। यह दवा मरीज की कोशिकाओं में घुसती है और वायरल लोड को कम करने के लिए वायरस को अपनी कॉपी बनाने से रोकती है। यानी संक्रमण के शुरुआती स्टेज में शरीर में वायरस को फैलने से रोकने में यह दवा असरदार है।
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