वाराणसी : एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले में आरोपित की जमानत अर्जी निरस्त

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वाराणसी। एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के चर्चित मामले में अदालत ने जेल में बंद आरोपित गणेश प्रसाद को जमानत देने से इंकार कर दिया। पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिला के धूपदंगल निवासी गणेश प्रसाद की जमानत अर्जी की विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) पुष्कर उपाध्याय की अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर एडीजीसी विनय कुमार सिंह व बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता आलोक कुमार वर्मा ने पक्ष रखा।

अभियोजन का आरोप था कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा हिंदी व सामाजिक विषय की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के तहत 29 अगस्त 2018 को परीक्षा होनी थी। एक दिन पहले 28 अगस्त को उक्त विषयों का प्रश्न पत्र वाराणसी में लीक कर दिया गया था। चोलापुर थाना क्षेत्र संचालित कौशल विकास केन्द्र पर 50 अभ्यर्थियों को 28 जुलाई 2018 को एकत्रित कर उन्हेंं प्रश्रपत्रों को हलकर उन्हें पढ़ाया गया था।
 
इस दौरान विवेचना में यह तथ्य सामने आया कि इसके एवज में प्रत्येक अभ्यर्थी से 20 लाख रुपये और इनके मूल शैक्षणिक दस्तावेज इन लोगों ने अपने पास जमा करा लिए थे। इस प्रकरण का खुलासा होने पर एसटीएफ ने चोलापुर थाना में मुकदमा दर्ज करते हुए परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार को प्रयागराज स्थित आवास और प्रश्न पत्र की छपाई करने वाली प्रिंटिंग प्रेस संचालक कौशिक कुमार कर को जेपी मेहता इंटर कालेज के पास से गिरफ्तार किया। बाद में और आरोपित पकड़े गए तो नाम संज्ञान में आने पर गिरफ्तारी से बचने के लिए कुछ अदालत में समर्पण कर जेल चले गए।

आरोपित गणेश प्रसाद अन्य आरोपितों के साथ लोक सेवा आयोग का पेपर लीक करने के गैंग में शामिल था और उसके द्वारा सक्रिय भूमिका अदा की गई थी। इससे लोक सेवा आयोग की परीक्षा प्रभावित हुई थी। एफआइआर दर्ज होने पर गणेश प्रसाद फरार हो गया था।

बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों के बयान में गणेश प्रसाद की संलिप्तता की पुष्टि होने पर अदालत ने यह कहते हुए उसकी जमानत अर्जी निरस्त कर दी कि उसके खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाया गया है। यदि उसे जमानत प्रदान की जाती है तो समाज में गलत संदेश जाएगा।

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