वाराणसी : राजघाट पुल बना अस्थायी कूड़ा घर, नगर निगम और समाजसेवी नदारद
रिपोर्ट : सोनू कुमार
वाराणसी। शहर बनारस के प्रमुख गंगा पुल में से एक राजघाट पुल (मालवीय ब्रिज) पर गन्दगी के अम्बार के बाद डोमरी गांव निवासी मंगल केवट ने सफाई की ज़िम्मेदारी ली। इस ज़िम्मेदारी से उन्हें इतना ज़्यादा नाम मिला कि उन्हें प्रधानमंत्री ने स्वयं अपने मंच पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराई। नगर निगम भी जागा और पुल की लगातार सफाई होने लगी पर पिछले कई हफ़्तों से इस पुल के दोनों फुटपाथ पर कूड़े का अम्बार लगा हुआ है। इस अम्बार को साफ़ करने के लिए किसी का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है।
त्यौहार के पहले साफ़-सफाई का दावा करने वाले नगर निगम के अंतर्गत आने वाले इस पुल पर कूड़े का ढेर है, जो ज़ीका वायरस फैलाने के मुख्य कारक मच्छरों को पैदा करने के लिये काफी है। कानपुर की स्थिति से सभी वाकिफ हैं। मुख्यमंत्री लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं पर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र के प्रमुख पुल जिसपर रोज़ाना हज़ारों लोगों की आवाजाही है वहां कूड़े का ढेर है।
पुल से रोज़ाना आने-जाने वाले लोगों ने माना कि इस लापरवाही के लिए हम और आप भी उतने ही ज़िम्मेदार हैं जितना नगर-निगम, गंगा में कूड़ा फेकने पर प्रतिबन्ध है ऐसे में लोग घर की मंदिर की खराब हुई फूल माला को लाकर उचित स्थान पर न डालकर पुल के किनारे छोड़ जाते हैं जिससे या गन्दगी दिन बा दिन बढ़ती जा रही है।
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