कभी कभी आते हैं बनारस में ऐसे अफसर, CRPF 95 बटालियन के कमांडेंट नरेंद्रपाल सिंह का छत्तीसगढ़ हुआ ट्रांसफर

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वाराणसी। उत्तर प्रदेश की हाईकोर्ट बेंच लखनऊ और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा में लगी 95 बटालियन सीआरपीएफ के कमांडेंट नरेंद्र पाल सिंह का विशेष ऑपरेशन के लिए छत्तीसगढ़ तबादला कर दिया गया है। काशी के अलग अलग हि‍स्‍सों में कोरोना काल से ही सैनेटाइजेशन के कार्य में लगी सीआरपीएफ टीम के पीछे कमांडेंट नरेंद्र पाल सिंह का नेतृत्‍व ही रहा। 

जवानों को रचनात्‍मक कार्यों में लगाया 
जवानों को केवल सुरक्षा ड्यूटी से अलग वि‍भि‍न्‍न रचनात्‍मक कार्यों में भी जोड़ कर रखने वाले बेहद मृदुभाषी कमांडेंट नरेन्‍द्र पाल सिंह वाराणसी के वि‍भि‍न्‍न तालाबों और सरोवरों की साफ सफाई की मुहि‍म से भी जुड़े रहे। इनके नेतृत्व में सीआरपीएफ 95 बटालियन ने कोरोना काल में शहर के हर एक इलाके को सेनेटाइज़ तो किया ही साथ ही लोगों को कोरोना से बचने के लिए लगातार जनता के बीच जाकर उन्‍हें जागरूक भी किया। 

कई आतंकि‍यों से ले चुके हैं लोहा 
जम्मू- कश्मीर के पुलवामा डिस्ट्रिक्ट में आतंकियों से लोहा लेने वाले 95 बटालियन के कमांडेंट नरेंद्र पाल सिंह को सीआरपीएफ मुख्यालय ने विशेष अभियान के लिए छत्तीसगढ़ 50 बीएन सीआरपीऍफ़ के लिए नि‍युक्‍त किया है। 

95 बटालियन के कमांडेंट रहते हुए नरेंद्र पाल सिंह ने कोरोना काल में शहर वासियों की हर संभव मदद एक फोन काल पर की और निरंतर उनकी बटालियन के जवान रोज़ किसी न किसी इलाके में सेनीटाइज़ेशन, मास्क वितरण और ज़रुरत का सामना पहुंचाते रहे। 

इस दौरान कई असहायों की मदद और उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने मे भी कमांडेंट के नेतृत्व में सीआरपीएफ 95 बटालियन ने किया। नरेंद्र पाल सिंह हाल ही में अपनी बटालियन के साथ शहर के पुष्कर तालाब की सफाई में एनडीआरएफ और नगर निगम की टीम के साथ लगे हुए थे। कमांडेंट नरेन्‍द्र पाल सिंह को जानने वाले और उनकी बटालि‍यन के जवानों की मानें तो ऐसे अफसर कम ही देखने को मि‍लते हैं।

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