तस्वीरों के जरिये देखिए, वाराणसी में कितना बनकर तैयार हुआ 1000 बेड का कोविड अस्पताल
वाराणसी। कोरोना संक्रमण के चलते पैदा हुए गंभीर हालात को देखते हुए पीएम केयर फंड से बीएचयू के एम्फीथियेटर ग्राउंड में 1000 बेड का अस्थायी कोविड अस्पताल बनाया जा रहा है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ की मदद से बन रहे इस कोविड अस्पताल के अगले 5 से 6 दिन के अंदर बनकर तैयार हो जाने की पूरी उम्मीद है। फिलहाल यहां 24 घंटे बिना रुके काम हो रहा है।
1000 बेड का ये अस्थायी कोविड अस्पताल लेवल थ्री का होगा, यानी यहां पर कोरोना के गंभीर मरीजों का उपचार किया जाएगा। इस अस्पताल के बन जाने के बाद वाराणसी में कोरोना संक्रमण से जारी युद्ध में बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि इसके बनने के बाद वाराणसी और आस पास के जिले के गंभीर कोविड मरीजों के लिये अस्पताल, ऑक्सीजन और दवाइयों की मारामारी को रोकने में बहुत हद तक मदद मिलेगी।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के अनुसार इस अस्पताल में ढाई-ढाई सौ बेड के चार युनिट बनाये जा रहे हैं। इनमें से तीन युनिट में नॉर्मल ऑक्सीजन युक्त तकरीबन 750 बेड होंगे जबकि चौथे युनिट में आईसीयू की व्यवस्था होगी।
इस अस्पताल में बनने वाले शौचालय और वॉशरूम के लिये नगर निगम सीवरेज सिस्टम का कार्य कर रहा है। वहीं निर्बाध बिजली आपूर्ती की जिम्मेदारी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के जिम्मे है। अस्पताल के लिये बीएचयू ने पहले ही एनओसी जारी कर दिया है। लॉन्ड्री का कार्य बीएचयू के जिम्मे है। अस्पताल में चिकित्सक स्टाफ की जिम्मेदारी बीएचयू और वाराणसी स्वास्थ्य विभाग की ओर से संभाली जाएगी। इसके अलावा डेथ सर्टिफिकेट बनाने का काम वाराणसी सीएमओ कार्यालय का है।
वहीं इस 1000 बेड के अस्पताल में एंबुलेंस के लिये ग्रीन कॉरीडोर भी बनाने का काम शुरू हो गया है। साथ ही एडमिनिस्ट्रेशन सेक्शन, पेशेंट वार्ड, डॉक्टर्स के रहने की सुविधा, ड्यूटी रूम, पार्किंग, बड़े पैमाने पर शौचालय, भोजनालय के साथ साथ ऑक्सजीन सप्लाई तथा फायर सर्विस की भी व्यवस्था रहेगी। इस अस्पताल को जर्मन हैंगर तकनीक से तैयार किया जा रहा है।
डीआरडीओ के अलावा इस अस्पताल के निर्माण में वाराणसी नगर निगम, वाराणसी स्वास्थ्य विभाग, वाराणसी ट्रैफिक विभाग, वाराणसी पुलिस, बिजली विभाग, लोक निर्माण विभाग के साथ ही बीएचयू की टीमें लगी है। इसके अलावा फायर ब्रिगेड की भी यहां हर समय तैनाती रहेगी। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के अनुसार आजतक ऐसी व्यवस्था कहीं पर भी नहीं हुई है।
इस 1000 बेड के अस्थाई कोरोना अस्पताल में गंभीर रेफर मरीज ही भर्ती किए जाएंगे। इस अस्पताल के बन जाने के बाद सीरियस कोरोना मरीजों को तत्काल अनुभवी डॉक्टरों से इलाज मिलना शुरू हो जाएगा। साथ ही वाराणसी के विभिन्न अस्पतालों पर पड़ने वाले बोझ को भी कम किया जा सकेगा।
देखें तस्वीरें, कितना बनकर तैयार हुआ 1000 बेड का कोविड अस्पताल
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