गीता प्रेस के अध्यक्ष और कल्याण पत्रिका के संपादक राधेश्याम खेमका का वाराणसी में निधन
राधेश्याम खेमका अपने पीछे पुत्र राजाराम खेमका पुत्री राज राजेश्वरी देवी चोखानी, भतीजे गोपाल राय खेमका, कृष्ण कुमार खेमका, गणेश खेमका समेत नाती-पोतों से भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।

जानकारी के अनुसार वे पिछले 15 दिनों से अस्वस्थ्य चल रहे थे। अस्वस्थता की अवस्था में उन्हें रवीन्द्रपुरी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिछले दो दिनों से केदार घाट स्थित आवास लाया गया था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर किया गया। मुखग्नि एकमात्र पुत्र राजा राम खेमका ने दी।
राधेश्याम खेमका ने 40 वर्षों से गीता प्रेस में अपनी भूमिका का निर्वाहन करते हुए अनेक धार्मिक पत्रिकाओं का संपादन किया। उनमें कल्याण प्रमुख है। मृदुल वाणी के लिए प्रसिद्ध राधेश्याम खेमका के पिता सीताराम खेमका मूलतः बिहार के मुंगेर जिले से यहां आए थे।
दो पीढ़ियों से खेमका काशी निवासी रहे और धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी, शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती, पुरी के शंकराचार्य स्वामी निरंजन देव तीर्थ और वर्तमान पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद, कथा व्यास रामचन्द्र जी डोंगरे जैसे संतों से विशेष संपर्क और सानिध्य रहा।

