मणिकर्णिका महाश्मशान पर पंचतत्व में विलीन हुए नक्सली हमले में शहीद धर्मदेव, पिता ने दी मुखाग्नि
वाराणसी। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में शहीद चंदौली जनपद के लाल कोबरा कमांडो धर्मदेव कुमार की अंत्योष्टि मणिकर्णिका महाश्मशान पर राजकीय सम्मान के साथ हुई। सीआरपीएफ के जवानों ने बन्दूक से सलामी दी तो पूरा घाट भारत माता की जय के जयघोष से गूँज उठा।
इसके पहले सुबह शहीद के घर चंदौली जनपद के शहाबगंज ब्लाक के ठेकहां गाँव शव पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया। पत्नी के करुण क्रंदन से सभी की आंखें नम हो गयीं। शव पहुँचने के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार से मना कर दिया और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री को मौके पर बुलाने के लिए अड़ गए।
शहीद धर्मदेव कुमार का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह ठेकहां पहुंचा। शहीद के पार्थिव शरीर को उनके घर के आगे मैदान में रखा गया, लेकिन कई घंटों तक शहीद धर्मदेव के माता-पिता और पत्नी सहित परिवार में से कोई भी सदस्य उन्हें देखने नहीं आया। इस बात की जानकारी आला-अधिकारियों को हुई तो मौके पर पहुंचे डीएम संजीव सिंह और एसपी अमित कुमार ने काफी देर तक परिजनों को समझाया।
उसके बाद मुख्यमंत्री से मुलाकात के आश्वासन पर परिजन अंत्योष्टि के लिए किसी प्रकार माने। शहीद की अंत्योष्टि पूरे राजकीय सम्मान के मणिकर्णिका घाट बनारस में की गयी। पिता रामाश्रय गुप्ता ने बेटे को मुखाग्नि दी।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर के तरेम थाना के जोन्नगुड़ा जंगल में शनिवार दोपहर में हुए नक्सली हमले में चंदौली का लाल धर्मदेव कुमार (32) पुत्र रामाश्रय गुप्ता भी शहीद हो गए थे। परिजनों ने बताया कि शहाबगंज थाना के ठेकहां बड़ागांव निवासी किसान रामाश्रय गुप्ता के तीन पुत्रों में सबसे बड़े धर्मदेव ने बचपन से ही फोर्स में जाने का सपना देखा था।
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।