जर्मनी के राजदूत ने काशी को बताया अद्भुत शहर, सुबह-ए-बनारस का उठाया लुत्फ़, किया ट्वीट- इस वर्ष यहीं मनाऊंगा दशहरा
वाराणसी। कहते हैं काशी की सभ्यता और संस्कृत दूर देश से लोगों को खींचकर अपने पास ले आती है। अक्सर देशी के साथ ही साथ विदेशी सेलिब्रेटी और लोग यहाँ आते हैं। इसी क्रम में वाराणसी में दशहरे के पावन पर्व पर भारत में जर्मनी के राजदूत ( एम्बेस्डर) और विख्यात संगीतकार वाल्टर जे. लिंडनेर पहुँच चुके हैं।
बुधवार को वाराणसी पहुंचे लिंडनेर ने शाम में गंगा आरती में शिरकत की तो गुरुवार को सुबह-ए-बनारस का नौकायन कर दीदार किया। इस दौरान उनका साथ साधु बाबा राम ने दिया, जिनसे एम्बेस्डर वाल्टर जे. लिंडनेर ने लम्बी बातचीत की और काशी के आध्यात्म को समझा।
इसके बाद वाल्टर जे. लिंडनेर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर साधु बाबा राम के साथ तस्वीर भी साझा की और लिखा कि 'वाराणसी (बनारस, काशी) को हिंदुओं द्वारा नदियों के सबसे पवित्र स्थान के रूप में माना जाता है। नदी के किनारे 90 घाट हैं। यहां गंगा के पानी से जीव शुद्ध होते हैं और मृत्यु को 'मोक्ष' (मृत्यु और पुनर्जन्म के अंतहीन चक्र से मुक्ति) प्राप्त करने के लिए लाया जाता है।'
Varanasi (Benares, Kaashi) regarded by Hindus as the holiest spot on the holiest of rivers. 90 ghats line the riverfront, where the living come to be purified by Ganges waters, and the death are brought to attain ‘moksha’ (release from endless circle of death & rebirth). 6am pics pic.twitter.com/i7x4obAMmr
— Walter J. Lindner (@AmbLindnerIndia) October 14, 2021
इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया और लिखा कि 'रंगों की दुनिया, रहस्यवादी और प्राचीन रहस्यों की दुनिया, वाराणसी की गलियों और छिपे हुए कोनों से घूमना एक अद्भुत एहसास है। वाराणसी में बहुतायत में और हर गली में हर तरह के साधु, गुरु और तीर्थयात्री हैं।
A walk through the alleys and hidden corners of Varanasi...the world of colours, mystic and ancient secrets...
— Walter J. Lindner (@AmbLindnerIndia) October 14, 2021
…characters in abundance and at every alley all sorts of sadhus, gurus and pilgrims… pic.twitter.com/dUEhkbDD8i
#Dussehra (#Vijayadashami) one of the biggest Hindu festivals & the end of #Navratri, falls on Fri, 15th Oct. 'Shami puja', 'Aparajita puja' & 'Seema avalanghan' are rituals performed on this day during Aparahna (early afternoon). Got an idea where to celebrate it. Just hop on!😉 pic.twitter.com/2cjub8xZ8w
— Walter J. Lindner (@AmbLindnerIndia) October 12, 2021
इसके अलावा वाल्टर जे. लिंडनेर ने गंगा आरती के समय की शिव का रूप धरे बच्चे और घाट किनारे आसान जमाये बाबा की तस्वीर भी साझा की है।
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