सुरक्षि‍त सीट के ग्राम प्रधान की मृत्‍यु के बाद सामान्य वर्ग के व्यक्ति का मनोनय होने पर सदस्यों में आक्रोश, डीएम को लि‍खा पत्र

WhatsApp Channel Join Now

वाराणसी। चिरईगांव विकास खण्ड के ग्राम पंचायत जाल्हूपुर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में एस टी वर्ग के लिए आरक्षित थी। यहां से गोपाल गोंड ग्राम प्रधान निर्वाचित हुए थे। बीते 25 दिसंबर 21 को बीएचयू में गोपाल गोंड की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। खण्ड विकास अधिकारी चिरईगांव ने इस बात की सूचना पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी को दी। 

पत्र पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी वाराणसी कौशल राज शर्मा ने ग्राम प्रधान पद के लिए होने वाले उप चुनाव तक विकास कार्य अनवरत जारी रखने के लिए उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1947, यथासंशोधित 1994 की धारा-12अ में प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए जाल्हूपुर से ग्राम पंचायत सदस्य अभिशंकर सिंह को ग्राम प्रधान के समस्त दायित्वों का निर्वहन करने के लिए नामित कर दिया गया।

DM LATTER

अभिशंकर सिंह के ग्राम प्रधान मनोनयन की जानकारी होने पर जाल्हूपुर के 15 ग्राम पंचायत सदस्यों में से 12 सदस्यों ने अभिशंकर सिंह के मनोनयन को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण नियमावली दुरपयोग बताते हुए ग्राम प्रधान के मनोनयन को असंवैधानिक करार देते हुए सोमवार जिलाधिकारी वाराणसी से मनोनयन पर पुनः विचार कर तत्काल रद्द करने की मांग की है।

इस बाबत ग्राम पंचायत सदस्यों का नेतृत्व कर रहे सूबेदार यादव का कहना है कि ग्राम प्रधान गोपाल की मृत्यु के बाद ग्राम विकास अधिकारी आशुतोष की ओर से सदस्यों की बैठक नहीं बुलाई गई और नहीं कोई सूचना दी गई।तबतक सारे नियम कानून को धता बताते हुए अभिशंकर सिंह को नामित कर दिया गया जो न्यायसंगत नहीं है, जबकि एस टी समाज से संध्या कुमारी ग्राम पंचायत सदस्य निर्वाचित हैं। मनोयन पर पहला अधिकार संध्या का बनता है।

DM LATTER

जाल्हूपुर एसटी के लिए आरक्षित ग्राम प्रधान के मृत्यु के बाद रिक्त पद पर सामान्य वर्ग के अभिशंकर मनोयन पर सहायक निर्वाचन अधिकारी राजाराम वर्मा का कहना है कि प्राथमिकता आरक्षित वर्ग को मिलनी चाहिए।वहीं जिला पंचायत राज अधिकारी राघवेंद्र द्विवेदी का कहना है कि ग्राम पंचायत का विकास कार्य अवरुद्ध न हो इसलिए उपचुनाव जो छ माह के अंदर करा लिया जाता है। तबतक ग्राम पंचायत से निर्वाचित किसी ग्राम पंचायत सदस्य को ग्राम प्रधान मनोनीत करने विशेषाधिकार जिलाधिकारी महोदय को होता है।

Letter

कोरोना गाइड लाइन व आचार संहिता के अनुपालन में हम ग्राम पंचायत सदस्यों की बैठक नहीं बुला सकते। हालांकि आगे जो भी हो मनोनयन तो आचार संहिता व कोरोना गाइड लाइन जारी होने से पहले बताया जा रहा है।उक्त प्रकरण को लेकर ग्राम पंचायत सदस्यों और ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त है।

Share this story