संस्कृत भारत की पहचान है:चंडीप्रसाद भट्ट
ज्योतिर्मठ, 15 अक्टूबर (हि.स.)। सीमांत क्षेत्र अनुश्रवण समिति के उपाध्यक्ष चंडीप्रसाद भट्ट ने उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की ओर से मंगलवार को आयोजित ब्लाक स्तरीय संस्कृत छात्र प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए कहा कि संस्कृत भारत की पहचान है।
इस मौके पर राज्यमंत्री चंडी प्रसाद भट्ट ने संस्कृत के प्रचार-प्रसार में संस्कृत अकादमी की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्कृत के उन्नयन के लिए केन्द्र और राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। सरकार उत्तराखंड के जिलों में संस्कृत ग्रामों की स्थापना करेगी। इसके माध्यम से वैदिक सनातन संस्कृत का प्रचार-प्रसार भी होगा।
पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती ने संस्कृत भाषा को शांति,धर्म,वैदिक पुराणों की भाषा बताते हुए कहा कि संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार में संस्कृत विद्यालय व महाविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
पूर्व प्राचार्य आचार्य रामदयाल मैदुली ने वैदिक संस्कृति के प्रसार के लिए संस्कृत भाषा को महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम को बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य भास्कर डिमरी, पूर्व सभासद नितिन व्यास, सामाजिक कार्यकर्त्ता नितेश चौहान, मुकेश डिमरी आदि ने भी सम्बोधित किया। ब्लाक स्तरीय संस्कृत छात्र प्रतियोगिता के प्रथम दिन वरिष्ठ वर्ग में छह प्रतियोगिताएं हुईं। विभिन्न प्रतियोगिताओं में विकास खंड ज्योतिर्मठ के आठ विद्यालय प्रतिभाग कर रहे हैं।
संस्कृत छात्र प्रतियोगिता के खंड संयोजक व संस्कृत विद्यालय के प्रधानाचार्य अरविंद प्रकाश पंत ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन वेदाचार्य आचार्य वाणी विलास डिमरी ने किया।
इस दौरान बीकेटीसी के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान, साहित्यकार भगत सिंह राणा 'हिमाद', बीरेंद्र रौतेला,देवी प्रसाद भट्ट,गौर सिंह खत्री, दाताराम बर्थवाल सहित अन्य मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार / प्रकाश कपरुवाण
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