पतंजलि विश्वविद्यालय को ज्ञान भारतम मिशन, संस्कृति मंत्रालय ने बनाया गया क्लस्टर सेंटर
प्रधानमंत्री की भारतीय संस्कृति, धरोहर एवं विरासत के संरक्षण की दूरदृष्टि का आधार है ज्ञान भारतम मिशनः स्वामी रामदेव
हरिद्वार, 14 दिसंबर (हि.स.)। ज्ञान भारतम मिशन, संस्कृति मंत्रालय ने पतंजलि विश्वविद्यालय को क्लस्टर सेंटर के रूप में मान्यता दे दी है। इस
आशय का आज एक समूह साइन किया गया।
रविवार काे हरिद्वार में आयोजित एक समारोह में पतंजलि विश्वविद्यालय को क्लस्टर सेंटर के रूप में मान्यता प्रदान की गई। इस संदर्भ में पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगगुरु स्वामी रामदेव, कुलगुरु डॉ. आचार्य बालकृष्ण तथा ज्ञान भारतम मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. अनिर्बान दाश, डॉ. श्रीधर बारीक (कॉर्डिनेटर,) तथा विश्वरंजन मालिक (कॉर्डिनेटर, डिजिटाइजेशन) की उपस्थिति में एक एमओयू साइन किया गया। इस अवसर पर योगगुरु स्वामी रामदेव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र शेखावत सहित ज्ञान भारतम मिशन की पूरी टीम का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की संस्कृति मूलक भारतीय ज्ञान परंपरा के संरक्षण का जीवंत उदाहरण है, ज्ञान भारतम मिशन।
डॉ. आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि अभी तक 33 एमओयू इस मिशन के तहत साइन हुए हैं, जिसमे क्लस्टर सेंटर 20 हैं। इनमें से 8 विश्वविद्यालय हैं और योग शिक्षा आधारित प्रथम क्लस्टर सेंटर पतंजलि विश्वविद्यालय है। उन्होंने बताया अभी तक पतंजलि विश्वविद्यालय में पचास हजार से ज्यादा प्राचीन ग्रंथों के संरक्षण, 42 लाख पृष्ठों के डिजिटलाइजेशन और 40 से अधिक पांडुलिपियों के शोधन एवं पुनर्प्रकाशन का कार्य किया जा चुका है। ज्ञान भारतम के क्लस्टर सेंटर के रूप में अब पतंजलि इस कार्य को और दिव्यता प्रदान करते हुए 20 केन्द्रों को भी प्रशिक्षित और प्रोत्साहित कर इस मिशन से जोड़कर भारतीय संस्कृति के रक्षण का कार्य कर सकेगा।
इस अवसर पर ज्ञान भरतम मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. अनिर्बान दाश ने बताया कि ज्ञान भारतम मिशन के अंतर्गत क्लस्टर सेंटर के रूप में पतंजलि विश्वविद्यालय योग और आयुर्वेद पर आधारित पांडुलिपियों पर न केवल शोध करेगा अपितु इसको शिक्षा क्रांति से जोड़कर देश एवं समाज तक पहुंचाएगा। इस अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय की मानविकी एवं प्राचीन अध्ययन संकाय की डीन डॉ. साध्वी देवप्रिया सहित पतंजलि अनुसंधान संस्थान के डॉ. अनुराग वार्ष्णेय, डॉ. सतपाल, डॉ. करुणा, डॉ. स्वाति, डॉ. राजेश मिश्रा, डॉ. रश्मि मित्तल सहित सभी छात्र एवं वैज्ञानिक उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

