दुर्गा अष्टमी पर घर-घर पूजी गईं कन्याएं

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-कन्या पूजन से प्राप्त होती है मां भगवती की कृपा: निर्मल दास

हरिद्वार, 5 अप्रैल (हि.स.)। तीर्थनगरी में मां दुर्गा की आराधना का विशेष पर्व दुर्गा अष्टमी श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। लोगाें ने कन्या पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना की। वहीं मंदिरों में भी विशेष अनुष्ठान हुए। कन्या पूजन के लिए कन्याओं की दिन भर भाग दौड़ देखने को मिली। कन्या पूजन के साथ लोगों ने कन्याओं का पूजन कर उनसे आशीर्वाद लेकर नवरात्र साधना का परायण किया, जो लोग नवरात्र में नवमी पूजन करते हैं वह रविवार को कन्या पूजन के साथ नवरात्र साधना का परायण करेंगे।

चैत्र नवरात्रि पर तीर्थनगरी के देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। लोगों ने बहुविधि मां भगवती का पूजन-अर्चन कर सुख-समृद्धि की कामना की। बाजारों में भी खासी रौनक देखने को मिली।

चैत्र नवरात्रि की दुर्गा अष्टमी पर श्रवणनाथ नगर स्थित श्री तारकेश्वर धाम में मां गौ गंगा धाम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत निर्मल दास महाराज ने कन्याओं का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया और उन्हें उपहार भेंट किये। इस दौरान उन्होंने कहा कि नवरात्रि पर्व सभी के जीवन में खुशियां लेकर आता है। बाल स्वरूप कन्याएं साक्षात मां भगवती का अवतार है। कन्या पूजन से व्यक्ति के जीवन में धन-धान्य, सुख समृद्धि का वास होता है। माता प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। प्रत्येक श्रद्धालु भक्त पर माता अपनी कृपा बरसाती हैं। बाल स्वरूप कन्याओं का पूजन प्रत्येक श्रद्धालु भक्त को अवश्य करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि नवरात्र के दौरान पवित्र मन से की गई आराधना व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार लगाती है और उसके कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। नवरात्र पर्व आत्मकल्याण और आत्म शुद्धि की अवधि है। माता के सभी स्वरूपों का आशीर्वाद साधक को प्राप्त होता है। इसलिए यदि व्यक्ति को अपना जीवन सफल बनाना है तो मां के शरणागत अवश्य आना चाहिए। मां की शक्ति संसार में अपरंपार है अपनी शरण में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु भक्त का माता कल्याण कर उसके जीवन की सभी दुश्वारियां का शमन कर उसे यश, कीर्ति प्रदान करती हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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