डा. आनन्द भारद्वाज को गीता रत्न सम्मान
हरिद्वार, 22 दिसंबर (हि.स.)। अध्यात्म चेतना संघ की ओर से आयोजित किये गये विराट गीता महोत्सव के दौरान डॉ. आनन्द भारद्वाज को गीता रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया, जबकि, डा. के त्रिपाठी (चिकित्सा), इन्द्र मोहन बर्थवाल (खेल), विपुल रुहेला (गजल व सुगम सगीत), हंसवी टोंक (कथक नृत्य) तथा भावना सिंह (चित्रकला) को अपने-अपने क्षेत्रों में अतिविशिष्ट योगदान के लिये हरिद्वार गौरव से सम्मानित किया गया।
संस्था द्वारा विगत नवम्बर माह में आयोजित की गयी श्रीमद्भगवद्गीता ज्ञान प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को भी पुरस्कृत एवं सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में दिल्ली पब्लिक स्कूल, रानीपुर की अनुष्का (कक्षा 6) ने प्रथम, शिवडेल पब्लिक स्कूल की हर्षिका (कक्षा 6). द्वितीय तथा दीक्षा राइजिंग पब्लिक स्कूल के अब्दुल समी (कक्षा 7) ने तृतीय पुरस्कार जीता। इसके अतिरिक्त कक्षा 6, 7 व 8 से प्रथम तीन स्थान पाने वाले प्रतिभागी विद्यार्थियों को भी पुरस्कृत किया गया।
प्रतियोगिता प्रभारी महेश चन्द्र काला के अनुसार इस प्रतियोगिता में दस विद्यालयों के लगभग साढे चार हजार विद्यार्थियों ने भाग लिया था। कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए डा. आनन्द भारद्वाज ने कहा कि संस्कृत भारती संस्था देश के लगभग सभी संगठित जिलों में गीता शिक्षण कक्षाओं का संचालन कर रही है, क्योंकि, संस्कारों की शिक्षा स्कूल और विश्वविद्यालय की किताबों से नहीं, बल्कि धार्मिक, अध्यात्मिक व सनातनी वातावरण के निर्माण से मिलती है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डा. आनन्द भारद्वाज, किशन दास महाराज, अध्यात्म चेतना संघ के संस्थापक व संचालन आचार्य करुणेश मिश्र तथा संस्था के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा मन्त्रोचारण के बीच किये गये दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। आचार्य करुणेश मिश्र ने संस्था के बाल संस्कार अभियान का परिचय देते हुए बताया कि वर्ष 2013 में आरम्भ किये श्रीमद्भगवद्गीता रूपी अभियान से अब तक पैंसठ हजार से भी अधिक विद्यार्थी लाभान्वित चुके हैं।
कार्यक्रम में घनश्याम भवन, हरिद्वार के महंत किशन दास महाराज, उत्तराखंड संस्कृत अकादमी, शोध अधिकारी डॉ. हरीश चंद गुरुरानी, शाश्वत वशिष्ठ, कमलकांत शर्मा, मोहिता राघव सहित बड़ी संख्या में विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थी, शिक्षक, प्रधानाचार्य, प्रतिनिधि व अभिभावक उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

