केदारनाथ-बद्रीनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर देश में किसी भी स्थान पर नहीं बनने चाहिए : स्वामी यतींद्रानंद
हरिद्वार, 15 जुलाई (हि.स.)। जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद महाराज ने कहा कि केदारनाथ तथा बद्रीनाथ मंदिर के प्रतीकात्मक मंदिर देश में किसी भी स्थान पर नहीं बनने चाहिए, क्योंकि स्थान का महत्व होता है। श्री बद्रीनाथ का महत्व भगवान नारायण की तपस्या से है तथा केदारेश्वर भगवान का महत्व केदार घाटी स्थित भगवान शिव की लीलाओं से सुशोभित है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों दिल्ली में हुए एक मंदिर के शिलान्यास को लेकर चर्चा में आया कि दिल्ली में केदारनाथ का प्रतीकात्मक मंदिर बनाया जा रहा है। इस संदर्भ में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का नाम भी जोड़ा गया, क्योंकि शिलान्यास में वह भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री से बात की। मुख्यमंत्री ने इन सभी खबरों का खंडन करते हुए कहा कि उनके द्वारा अथवा उनसे संदर्भित कहीं पर भी भगवान केदारनाथ के मंदिर की प्रतीकात्मक प्रति नहीं बनाई जाएगी। ऐसा करना व सोचना भी पाप है तथा सनातन हिंदू संस्कृति के साथ खिलवाड़ है। मुख्यमंत्री ने महामंडलेश्वर यतीन्द्रानन्द गिरि महाराज से कहा है कि केदारनाथ मंदिर का कहीं और प्रतीकात्मक मंदिर बने इसके वह बिल्कुल भी समर्थक नहीं है।
हिन्दुस्थान समाचार
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला / वीरेन्द्र सिंह
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