उत्तराखंड से याेग को दुनिया में मिली प्रसिद्धि... पर योग प्रशिक्षक बेरोजगार
- नौकरी नहीं मिलने पर 24 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास कूच करेंगे बेरोजगार योग प्रशिक्षक
- बोले, कागजों से बाहर नहीं निकल रहा आदेश, निकाय और पंचायत चुनावों का करेंगे बहिष्कार
देहरादून, 21 अगस्त (हि.स.)। उत्तराखंड से योग को देश-दुनिया में प्रसिद्धि मिली पर राज्य के योग प्रशिक्षित बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिला। स्कूलों में कक्षा 6 से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में योग शामिल है, लेकिन योग शिक्षकों की नियुक्ति अब तक नहीं हो पाई है। सरकारी स्कूल, विश्वविद्यालय और कॉलेजों में नियुक्तियां न मिलने पर योग प्रशिक्षित बेरोजगार विरोध स्वरूप 24 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास कूच करेंगे। योग प्रशिक्षित बेरोजगार महासंघ के अध्यक्ष अमित नेगी ने कहा कि इसके साथ ही निकाय और पंचायत चुनावों का बहिष्कार भी किया जाएगा।
नेगी ने कहा कि इस बाबत मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को पत्र भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में दो बार योग प्रशिक्षितों की नियुक्ति देने का मामला आ चुका है। योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति पर हर बार सहमति भी बनी है, लेकिन आदेश कागजों से बाहर नहीं निकल रहा। वहीं बेरोजगारों का कहना है कि योग को बढ़ावा देने के नाम पर कई बड़े दावे किए जाते हैं। कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार हो या फिर वर्तमान की भाजपा सरकार। दोनों सरकारों में उनके लिए नौकरी की घोषणा हुई, लेकिन नौकरी नहीं मिली। उनके लिए पूर्व में कैबिनेट में आए प्रस्ताव भी लटके हैं।
उत्तराखंड योग प्रशिक्षित बेरोजगार महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित नेगी ने बताया कि शासनादेश जारी हुआ, लेकिन बेरोजगारों को अब तक नियुक्ति नहीं मिली। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार प्रदेश के योग प्रशिक्षित बेरोजगार पिछले 17-18 वर्षों से नियुक्ति की मांग को लेकर संघर्षरत हैं। नौकरी नहीं मिलने से बड़ी संख्या में योग प्रशिक्षितों की नौकरी की अधिकतम आयु सीमा भी पार हो चुकी है। योग प्रशिक्षकों में 90 फीसदी से ज्यादा बेरोजगार आम गरीब परिवारों से आते हैं। रोजगार का साधन न होने से उन्हें तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
घोषणा हुई, लेकिन नहीं मिला रोजगार
योग प्रशिक्षित बेरोजगारों का कहना है कि नौकरी के नाम पर उनके साथ मजाक हो रहा है। वर्ष 2010, 2014 और 2016 में योग प्रशिक्षितों को नियुक्ति का प्रस्ताव कैबिनेट में आया, लेकिन इसके बाद कुछ नहीं हुआ। इसके अलावा एक मार्च 2014 को टिहरी में आयोजित एक समारोह में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जूनियर हाईस्कूलों एवं उच्च स्तर की कक्षाओं में योग शिक्षा को शामिल करने व योगाचार्यों की नियुक्ति की घोषणा की थी, लेकिन घोषणा के बाद नियुक्ति के मसले पर कुछ नहीं हुआ।
हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण / वीरेन्द्र सिंह
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