विश्व की 11 प्रतिशत आर्थिकी जैव विविधता पर निर्भर : प्रो. ललित
नैनीताल, 21 मार्च (हि.स.)। मानव भी जैव विविधता का एक भाग है। पूरे विश्व को जहां जैव विविधता ऑक्सीजन और भोजन देती है वहीं विश्व की 11 प्रतिशत आर्थिकी जैव विविधता पर निर्भर करती है।
प्रो. ललित तिवारी ने गुरुवार को कुमाऊं विश्वविद्यालय के मदन मोहन मालवीय प्रशिक्षण संस्थान में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रशिक्षण में जैव विविधता एवं संरक्षण पर ऑनलाइन व्याख्यान में उक्त विचार दिये। उन्होंने कहा कि भारत विश्व के 12 सर्वाधिक जैवविविधता वाले देशों में शामिल है। यहां 16 प्रकार के वन मिलते हैं।
प्रो. तिवारी ने कहा कि हिन्दू कुश पर्वत से निकलने वाली दस बड़ी नदियां 3 करोड़ लोगों को भोजन तथा ऊर्जा देती हैं। जलवायु परिवर्तन तथा ग्लोबल वार्मिंग वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती हैं। वर्तमान में 22 हजार से अधिक प्रजातियां संकटग्रस्त हो गई हैं। उन्होंने कहा कि जैव विविधता का संरक्षण सबकी जिम्मेदारी है। हम केवल पर्यावरण को संरक्षित ही ना करें बल्कि हमें ऐसा पर्यावरण बनाना है जहां पर्यावरण के लिए संरक्षण शब्द ही न हो। इस दौरान 57 प्रतिभागी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.नवीन जोशी/सत्यवान/रामानुज
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