गांव-गांव से उठ रही चुनाव बहिष्कार की आवाज, कहीं सड़क तो कहीं पुल की हो रही मांग
गोपेश्वर, 11 मार्च (हि.स.)। लोकसभा चुनाव की सुगबुगाहट के साथ ही चमोली जिले के गांव-गांव से चुनाव बहिष्कार की करने की आवाज गुंजने लगी है। कहीं वर्षों से सड़क की मांग करते आ रहे ग्रामीण चुनाव बहिष्कार की धमकी दे रहे हैं तो कहीं बिना पुल के आवाजाही कर रहे ग्रामीण वोट न देने की बात कर रहे हैं।
चमोली जिले के दशोली विकासखंड के पाणा, ईराणी, झींझी, भनाली के ग्रामीणों ने सोमवार को सेक्टर मजिस्ट्रेट के माध्यम से जिला निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन भेजा है। क्षेत्र पंचायत सदस्य विजय नेगी और ग्राम प्रधान बीना देवी का कहना है कि उनके गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। सड़क, चिकित्सा, शिक्षा, बिजली की समस्या से ग्रामीण परेशान हैं। कई बार इस संबंध में जिला प्रशासन और शासन से पत्राचार किया जा चुका है लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। उन्होंने कहा कि जब ग्रामीणों को सरकार की ओर से कोई सुविधा मिलनी ही नहीं है तो फिर वोट देकर क्या करेंगे, इसलिए ग्रामीणों ने अविलंब समस्या समाधान की मांग की है अन्यथा चुनाव बहिष्कार करने की धमकी दी है।
दूसरी ओर जिले के देवाल विकासखंड के वलाण में अभी तक रोड नहीं पहुंचने से नाराज ग्रामीणों ने रोड को लेकर आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार का ऐलान किया है। सोमवार को उप प्रधान विरेन्द्र राम की अध्यक्षता में ग्रामीणों की बैठक हुई। बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि दस वर्ष पहले पीएमजीएसवाई ने गांव से तीन किलोमीटर पहले रोड काट कर छोड़ दी है। इससे ग्रामीणों को पैदल ही गांव तक पहुंचना पड़ रहा है। सबसे बड़ी समस्या गर्भवती महिलाओं व रोगियों को हो रही है।
ग्रामीणों के शिष्टमंडल ने उपजिलाधिकारी थराली के माध्यम से जिला निर्वाचन अधिकारी चमोली और विधायक थराली को ज्ञापन भेजा है।
हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/वीरेन्द्र
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