अयोध्या में श्रीराम का नहीं बल्कि राष्ट्र मन्दिर का हो रहा निर्माण: आलोक
परमार्थ निकेतन में आयोजित मां शबरी रामलीला महोत्सव में शामिल हुए आलोक
ऋषिकेश, 24 अक्टूबर (हि.स.)। विश्व हिंदू परिषद के अन्तरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने परमार्थ निकेतन में स्वामी चिदानन्द सरस्वती के सान्निध्य में मां शबरी रामलीला महोत्सव में भाग किया।
इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि विजया दशमी का दिन हमें विजयश्री का संदेश देता है। असत्य पर सत्य की विजय, बुराई पर अच्छाई की विजय और आतंक पर शान्ति की स्थापना का संदेश देता है। विजया दशमी का उत्सव हम इसलिए मनाते हैं, क्योंकि प्रभु श्रीराम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी, मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर आतंक को समाप्त किया था और अर्जुन ने बुराई को समाप्त करने के लिए आज के ही दिन अपने अस्त्र-शस्त्र को पुनः प्राप्त किया था। ये तीनों अलग-अलग युग में घटे प्रसंग हमें यह प्रेरणा देते हैं कि मानवता की सेवा करना ही मानव जीवन का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि अमृतकाल में आगे आने वाले 25 वर्ष में भारत पूरे विश्व को एक नई दिशा देने जा रहा है। इसलिए अब हम सभी को महान भारत बनाने के लिए कार्य करना होगा। अयोध्या में केवल श्री राम मन्दिर का निर्माण नहीं बल्कि राष्ट्र मन्दिर का निर्माण हो रहा है।
विहिप के अन्तरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि रामलीला में कुछ विलक्षणता व विशिष्टता है कि हम उसे बार बार देखते हैं। प्रभु धरती पर इसलिए अवतरित होते हैं कि वे अपने जीवन मूल्यों के हमें शिक्षित कर सके। श्री राम मन्दिर के 500 वर्षों के इतिहास पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि श्री राम मन्दिर हम सब का मन्दिर है, जो हजारों वर्षों तक खड़ा रहेगा। प्रभु श्री राम की बाल्यावस्था की प्रतिमा विराजित की जायेगी। जिस दिन प्रभु मन्दिर में विराजित होंगे आप सभी भारतवासी अपने आसपास के मन्दिरों में जाकर सीधे प्रभुजी के आरती में सहभाग अवश्य करें।
इस मौके पर स्वामी चिदानन्द ने आलोक कुमार, हर्ष मल्होत्रा, दधीचि देहदान समिति के अध्यक्ष और शक्ति बख्शी, विश्व मोहन को रुद्राक्ष का पौधा भेंट कर सभी का अभिनन्दन किया।
हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम
/सुनील
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