विरासत महोत्सव में सितार वादक सुभेन्द्र राव की प्रस्तुति ने बांधा समा
देहरादून, 02 नवंबर (हि.स.)। विरासत सांस्कृतिक महोत्सव के सातवें दिन गुरुवार को जहां अंतरराष्ट्रीय सितार वादक सुभेन्द्र राव की प्रस्तुति ने कार्यक्रम में शमा बांधा वहीं सुनंदा शर्मा के ठुमरी, चैती, कजरी और दादरा की शानदार प्रस्तुति से उपस्थित लोग मंत्रमुग्ध हो गए।
गुरुवार सायं विरासत आर्ट एंड हेरीटेज फेस्टिवल 2023 के सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभांरंभ आनंद बर्धन, आईएएस, अपर मुख्य सचिव, उत्तराखंड सरकार ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। इस मौके उनके साथ विरासत के महासचिव आर.के. सिंह एवं अन्य सदस्य भी मैजूद रहे। सातवें दिन के कार्यक्रम की शुरूआत विरासत साधना के साथ हुआ।
सितार वादक सुभेन्द्र राव ने राग हेमन्त और राग पीलू में सुन्दर रचनाएं प्रस्तुत कीं। सुभेन्द्र ने कार्यक्रम का समापन राग जोगेश्वरी से किया जो पं. रविशंकर द्वारा रचित राग जोग और राग राजेश्री का मिश्रण है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की दूसरी प्रस्तुति में सुनंदा शर्मा द्वारा भारतीय शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी गई...सुनंदा ने छोटा ख्याल के साथ अपना कार्यक्रम शुरू किया और फिर उन्होंने बड़ा ख्याल गाया जिसमें उन्होंने राग पूर्वी में एक बंदिया पेश किया, बाद में उन्होंने राग टप्पा गाया, ’’सतवे जानी यार..’’. उनकी अगली प्रस्तुति राग खमाज में ठुमरी थी, “ठाढ़े रहो बांके शयाम..“ एवं उन्होंने पारंपरिक दादरा रचना के साथ अपनी प्रस्तुति का समापन किया। उनके साथ तबले पर मिथिलेश झा, हारमोनियम पर पारोमिता मुखर्जी, तानपुरा पर नितिन शर्मा और अमित रतूड़ी ने संगत की।
आज प्रतिभागियों ने नृत्य श्रेणी में अपना शानदार प्रस्तुति देकर लोगों का मनमोहित किया। विरासत साधना में 17 स्कूलों के युवा छात्रों ने शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश
/प्रभात
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