समान नागरिक संहिता पर हुई गोष्ठी
समान नागरिक संहिता में किसी के अधिकारों की कटौती नहीं की गई: दीपक तायल
ऋषिकेश,14 मार्च (हि.स.)। श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर में उत्तराखंड राज्य में लागू हुई समान नागरिक संहिता पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
गोष्ठी के दौरान मुख्यवक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संपर्क प्रमुख दीपक कुमार तायल ने बताया कि राष्ट्रीय समान नागरिक संहिता में किसी के अधिकारों में कटौती नहीं की गई है, बल्कि महिलाओं तथा बाल अधिकारों के संरक्षण की व्यवस्था की गई है। इसमें बहु विवाह जैसी तलाक जैसी संपत्ति अधिकार जैसे विषयों पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया है। कुछ जनजाति क्षेत्र को छोड़कर यह नियम सभी उत्तराखंड निवासियों पर लागू होगा, यदि वह उत्तराखंड में रहते हैं तो या उत्तराखंड के निवासी होने के पश्चात भी दूसरे राज्य में रहते हैं, तब भी उन पर यह नियम लागू होगा समान नागरिक संहिता लागू होने के पश्चात समाज के अंदर विभेद तथा प्रभावशाली व्यक्तियों के द्वारा अनुचित तरीके से अपनी बात को मनवाने की परंपरा पर लगाम लगेगी तथा साथ ही साथ यदि लिविंग रिलेशनशिप में रहते हैं तो उसको भी कानूनी रूप से अपने आप को रजिस्टर करना होगा, अन्यथा उसमें भी सजा का प्रावधान है। गोष्ठी में पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं सहित पीएचडी कर रहे शोध सभी छात्रों के साथ समान नागरिक संहिता पर विस्तृत चर्चा हुई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ऋषिकेश नितिन, विभाग अध्यक्ष गणित अनीता तोमर, विभाग अध्यक्ष राजनीति शास्त्र दिनेश शर्मा, विभाग अध्यक्ष शिक्षा शास्त्र अटल बिहारी त्रिपाठी, प्रोफेसर गौरव वार्ष्णेय, प्रोफेसर दीपा शर्मा, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रदेश संयोजक प्रोफेसर डॉक्टर अशोक मंडोला, डॉक्टर शिखा वार्ष्णेय तथा संजीव सेमवाल, विशेष रूप से उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/ विक्रम
/सुनील
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