देश का पहला दिव्यांगजन मुक्त राज्य बनेगा उत्तराखंड : डॉ. धन सिंह
- उत्तरकाशी के शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए 110 करोड़ होंगे खर्च
उत्तरकाशी, 30 सितंबर (हि.स.)। सूबे के शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तरकाशी जिले के शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए शासन ने 110 करोड़ रुपये अवमुक्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि पांच अक्टूबर तक शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में शिक्षक मिल जाएंगे।
श्रीमती मंजरा देवी विश्वविद्यालय हिटाणू धनारी में सोमवार को दिव्यांग मुक्त भारत निःशुल्क कृत्रिम अंग वितरण शिविर में बतौर मुख्य अतिथि शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को टीबी मुक्त किए जाने को लेकर वर्ष 2025 तक का लक्ष्य रखा है। इसके तहत उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है कि उत्तराखंड राज्य 2025 तक टीबी मुक्त के अलावा ड्रग्स फ्री और शत-प्रतिशत साक्षरता वाला अग्रणी राज्य हो।
डॉ. रावत ने कहा कि उत्तरकाशी के छात्रों को अब उच्च शिक्षा के लिए बहार नहीं जाना पड़ेगा। हर पाठ्यक्रम उन्हें मंजरा देवी विश्वविद्यालय में मिलेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय में जल्द एमबीबीएस शुरू करने की घोषणा की।
उन्होंने विभागीय उपलब्धियां को गिनाते हुए कहा कि धामी सरकार हर जिले में एक संस्कृत गांव बनाने जा रही है। वहीं हर जिले में डायलिसिस फ्री वार्ड बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार कक्षा छह से पीएचडी तक 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वालों को छात्रवृत्ति दे रही है।
शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में 20 वर्षों से एनसीसी की सीटें नहीं बढ़ीं।पहली बार उत्तराखंड राज्य के लिए 10 हजार एनसीसी कोटा बढ़ाया गया है।
कार्यक्रम में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि सरस्वती महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिव्यांग मुक्त भारत का जो अभियान चलाया है, निश्चित तौर यह कदम जल्द सफल होगा। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन ऋषिकेश और महावीर सेवा सदन कोलकाता के प्रयास से देश के अलग-अलग राज्यों में लाखों दिव्यांगजनों को निःशुल्क कृत्रिम अंग वितरित कर जीवन दान दिया जा रहा है। उन्होंने मंजरा देवी विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ. हरिशंकर नौटियाल की सराहना करते हुए कहा कि चीन सीमा पर यह उत्तराखंड का पहला निजी विश्वविद्यालय है। उन्होंने देश के अन्य राज्यों के साथ मिलकर इस विश्वविद्यालय में विदेशी स्तर की शिक्षा शुरू करने की पहल की। स्वामी चिदानंद मुनि महाराज ने परमार्थ निकेतन की ओर से विश्वविद्यालय में एमबीबीएस की शिक्षा शुरू करने के लिए एक करोड़ की मदद का भरोसा दिया है।
परमार्थ निकेतन ऋषिकेश और महावीर सेवा सदन कोलकाता के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दिव्यांग मुक्त विशेष शिविर में दर्जनों दिव्यांगजनों का हेल्थ चेकअप कर उन्हें कृत्रिम अंग, व्हील चेयर, ट्राई साइकिल, बैसाखी आदि वितरित किए गए। इससे पूर्व विश्वविद्यालय के विभिन्न फैकल्टी सहित परमार्थ विजय पब्लिक स्कूल के दिव्यांग छात्रों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियों से सबका मन मोह लिया।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ, हरिशंकर नौटियाल, वाइस चांसलर डॉ. भगवान नौटियाल, व्यवस्थापक पवन नौटियाल ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत एवं स्वामी चिदानंद मुनि सरस्वती महाराज का धन्यवाद ज्ञापित किया।
मंच का संचालन सुमन नौटियाल एवं डॉ. शंभू प्रसाद नौटियाल ने किया। इस दौरान महावीर सेवा सदन कोलकाता के विनोद, विक्रम सिंह शाह, क्षेत्र पंचायत प्रमुख भटवाड़ी विनीता रावत, क्षेत्र पंचायत प्रमुख डुंडा डॉ. शैलेंद्र सिंह कोहली, भाजपा नेत्री डॉ. स्वराज विद्वान आदि उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / चिरंजीव सेमवाल
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